नक्सल प्रभावित इलाके में शिविर लगा CRPF ने भटके लोगों से की मुख्यधारा में लौटने की अपील, बांटा जरूरत का सामान

एक तरफ नक्सली जवानों और आम लोगों के खून के प्यासे हैं, उनकी जान के दुश्मन बने हुए हैं तो दूसरी तरफ सुरक्षाबल के जवान आम जनता की सहायता में हर समय तत्पर हैं।

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एक तरफ नक्सली जवानों और आम लोगों के खून के प्यासे हैं, उनकी जान के दुश्मन बने हुए हैं तो दूसरी तरफ सुरक्षाबल के जवान आम जनता की सहायता में हर समय तत्पर हैं। छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के ककालगुर में सीआरपीएफ (CRPF) की 80वीं बटालियन ने 20 मार्च को सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत ग्रामीणों से मिलकर उन्हें जरूरत के सामान दिए और मुफ्त में स्वास्थ्य जांच कर दवाइयां भी दी।

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नक्सल प्रभावित इलाके में शिविर लगा CRPF ने भटके लोगों से की मुख्यधारा में लौटने की अपील।

इस शिविर में ककालगुर, भड़रीमऊ और चितापुरियापारा के गांव के लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान ग्रामीणों को लुंगी, गमछा, साड़ी, दवा, छाता, ट्रैक सूट, स्टील के बर्तन, कड़ाही, सोलर लालटेन, कंबल, बच्चों को पढ़ाई के लिए कापी-किताब, लेखन सामग्री एवं युवाओं को खेलकूद सामग्री आदि दी गई।

कार्यक्रम के दौरान पर ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। इस शिविर के तहत नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन भी किया गया, जिसमें 450 से अधिक ग्रामीणों की सेहत की जांच की गई। जरूरतमंदों को दवाइयां दी गईं। CRPF के अधिकारियों ने इस दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के भटके हुए युवाओं से समाज की मुख्यधारा में लौटने का अनुरोध किया, जिससे वह एक खुशहाल जिंदगी जी सके।

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नक्सल ग्रस्त बस्तर में डरा-धमकाकर नक्सली गरीब, असहाय आदिवासियों को नक्सली गतिविधियों में लिप्त कर उनका आर्थिक और सामाजिक शोषण करते हैं। आम लोगों के साथ मार-पीट और उनकी हत्या भी आए दिन नक्सली करते हैं। जिसके कारण अंदरूनी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं। वे मुख्यधारा से कट कर रह गए हैं।

लेकिन केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) उनके हितों की रक्षा के लिए सदैव उनके साथ है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही उन्हें जागरूक करने का भी काम फोर्स करती है। सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत CRPF लोगों की हर तरह से मदद करती है। 

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