कोरोना का कहर! चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती को निहारने नहीं आ रहे पर्यटक

बस्तर (Bastar) के इतिहास में यह पहला मौका है जब मानसून काल में इस खूबसूरत जलप्रपात को निहारने आने वाले स्थानीय लोगों और पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।

Chitrakot Water Fall

फाइल फोटो।

देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य का चित्रकोट जलप्रपात (Chitrakot Water Fall) इन दिनों अपनी खूबसूरती की छटा बिखेर रहा है। लगभग 95 फीट की ऊंचाई से गिरता यह जलप्रपात इस समय खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लेकिन बस्तर (Bastar) के इतिहास में यह पहला मौका है जब मानसून काल में इस खूबसूरत जलप्रपात को निहारने आने वाले स्थानीय लोगों और पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।

दरअसल, देश में फैली कोरोना (Coronavirus) महामारी की वजह से बस्तर जिले के सभी पर्यटन स्थलों को शासन ने बंद करने का आदेश दिया है। जिसकी वजह से हर साल मानसून में हजारों पर्यटकों से गुलजार रहने वाला चित्रकोट जलप्रपात (Chitrakot Water Fall) आज सैलानियों का इंतजार करता मालूम पड़ रहा है। अमूमन हर साल बरसात के मौसम में हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों से गुलजार रहने वाला मिनी नियाग्रा पिछले 4 महीनों से खाली पड़ा है। जिससे इस जलप्रपात के सहारे अपनी जिंदगी गुजारने वाले सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट मंडराने लगा है।

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दिन हो या रात चित्रकोट (Chitrakot) में पर्यटकों मेला लगा ही रहता था। गरजते पानी में उठती इंद्रधनुष की किरणों के सौंदर्य का रसपान, दूर-दूर तक फैले रहस्यमयी जंगल, चट्टानों से टकराकर उठती जल रश्मियां की आभा, झरने की फुहारों के बीच नौकायन का आनंद। सबकुछ थम गया है। नाविक अपनी नावों के साथ तट पर ही हैं पर पर्यटक नहीं हैं।

लोक निर्माण विभाग और पर्यटन बोर्ड के गेस्ट हाउस और कॉटेजों में ताले झूल रहे हैं। जगदलपुर से चित्रकोट तक 40 किमी की दूरी आसान हो गई है। सड़कों पर वाहन न के बराबर हैं। बीच-बीच में पड़ने वाले गांवों में सब्जी और किराने की दुकानें सजी हैं पर भीड़भाड़ और चहल-पहल उतनी नहीं है। पर्यटकों पर निर्भर होटल और ढाबे बंद हैं।

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इन पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने से इसका सबसे ज्यादा नुकसान यहां के फुटकर व्यापारियों को हुआ है। आसपास के गांव वाले इस पर्यटन स्थल पर अपनी छोटी-छोटी खाने-पीने की और अन्य बस्तर (Bastar) की कला से संबंधित दुकानें लगाते हैं, लेकिन पिछले 5 महीनों से शासन ने उनके सभी दुकानों को बंद करने के आदेश दिए जिसकी वजह से इन्हें आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ रहा है।

चित्रकोट जलप्रपात (Chitrakot Water Fall) के परिसर में छोटी दुकान चलाने वाले एक दुकानदार का कहना है कि शासन ने 5 महीने से उनकी दुकान बंद करवा दी, लिहाजा आय का जरिया नहीं होने की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शासन ने उनके लिए किसी तरह की कोई मदद भी नहीं पहुंचाई है, जिससे आलम ये है कि उन्हें घर का सामान बेचकर परिवार का पेट भरना पड़ रहा है।

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