Chhath: आज है छठ महापर्व का तीसरा दिन, जानें क्यों देते हैं डूबते सूर्य को अर्घ्य

चारों तरफ छठ पूजा (Chhath) की धूम है। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का आज यानी 20 नवंबर को तीसरा दिन है। आज शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसे संध्या अर्घ्य भी कहते हैं।

Chhath

फाइल फोटो।

उगते सूर्य को अर्घ्य देने की रीति तो कई व्रतों और त्योहारों में है, लेकिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा केवल छठ (Chhath) में ही है।

चारों तरफ छठ पूजा (Chhath) की धूम है। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का आज यानी 20 नवंबर को तीसरा दिन है। आज शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसे संध्या अर्घ्य भी कहते हैं।

बता दें कि उगते सूर्य को अर्घ्य देने की रीति तो कई व्रतों और त्योहारों में है, लेकिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा केवल छठ (Chhath) में ही है। अर्घ्य देने से पहले बांस की टोकरी को फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू और पूजा के सामान से सजाया जाता है।

दिल्ली सरकार मास्क नहीं लगाने वालों पर हुई सख्त, जुर्माने की राशि 500 से बढ़ाकर 2000 रुपये हुई

सूर्यास्त से कुछ समय पहले सूर्य देव की पूजा की जाती है। फिर डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, संध्या के समय में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। इसलिए छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है।

कहा जा ता है कि जो लोग डूबते सूर्य की उपासना करते हैं, उन्हें उगते सूर्य की भी उपासना जरूर करनी चाहिए। माना जाता है कि डूबते सूर्य की उपासना करने से व्रत रखने वाली महिलाओं को दोहरा लाभ मिलता है।

ये भी देखें-

ज्योतिषियों का मानना है कि ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर कई मुसीबतों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा इससे सेहत से जुड़ी भी कई समस्याएं दूर होती हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इसके कई फायदे हैं। ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें