Chhath Puja 2020: छठ पूजा की हो चुकी है शुरुआत, जानें क्या होता है खरना और इसका महत्व

खरना को लोहंडा भी कहते हैं और इसे कार्तिक शुक्ल की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन छठ पूजा का विशेष प्रसाद भी बनाया जाता है।

Chhath Puja

Chhath Puja 2020: खरना के लिए महिलाएं स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनती हैं और नाक से माथे तक सिंदूर लगाती हैं। इन दिन व्रत भी रखा जाता है और शाम को लकड़ी के चूल्हे पर साठी के चावल और गुड़ की खीर को प्रसाद के तौर पर बनाया जाता है।

नई दिल्ली: महापर्व छठ (Chhath Puja 2020) की शुरुआत हो चुकी है। आज इसका दूसरा दिन है। इस दिन खरना मनाया जा रहा है। इस महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है।

खरना को लोहंडा भी कहते हैं और इसे कार्तिक शुक्ल की पंचमी को मनाया जाता है। इसका मतलब होता है शुद्धिकरण। इस दिन छठ पूजा (Chhath Puja 2020) का विशेष प्रसाद भी बनाया जाता है। कहा जाता है कि छठ को पूरे नियम के साथ करने पर सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

Jammu Kashmir: नगरोटा में एनकाउंटर, सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया; 4 जवान घायल

खरना के लिए महिलाएं स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनती हैं और नाक से माथे तक सिंदूर लगाती हैं। इन दिन व्रत भी रखा जाता है और शाम को लकड़ी के चूल्हे पर साठी के चावल और गुड़ की खीर को प्रसाद के तौर पर बनाया जाता है। सूर्य भगवान की पूजा के बाद महिलाएं इस प्रसाद को लेती हैं।

महिलाओं के प्रसाद खाने के बाद ही इसे घर के बाकी लोगों में बांटा जाता है। इस प्रसाद को लेने के बाद महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं। कहा जाता है कि खरना पूजा के बाद घर में देवी षष्ठी (छठी मईया) का आगमन होता है।

खरना के समय व्रत रखने वाली महिलाएं, केवल एक ही टाइम खाना खाती हैं।

ये भी देखें- 

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें