केंद्र सरकार बनाएगी 8 नए शहर, वित्त आयोग ने की सिफारिश

केंद्र सरकार (Central Government) आठ नए शहर बनाएगी। शहरी क्षेत्रों के विस्तार की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। 15वें वित्त आयोग ने भी आठ राज्यों में आठ नए शहर बसाने के लिए आठ हजार करोड़ रुपये देने की सिफारिश की है।

Central Government

फाइल फोटो।

केंद्र सरकार (Central Government) आठ नए शहर बनाएगी। शहरी क्षेत्रों के विस्तार की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।

केंद्र सरकार (Central Government) आठ नए शहर बनाएगी। शहरी क्षेत्रों के विस्तार की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। 15वें वित्त आयोग ने भी आठ राज्यों में आठ नए शहर बसाने के लिए आठ हजार करोड़ रुपये देने की सिफारिश की है। सूत्रों के मुताबिक, जनगणना नगरों को इस परियोजना में शामिल किया जा सकता है।

हालांकि, अभी इसको लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। बता दें कि जनगणना नगर वह क्षेत्र है, जहां कि आबादी पांच हजार से अधिक हो, आबादी का घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर 400 से ज्यादा हो और जहां के 75 फीसद पुरुष गैर कृषि कार्यों में लगे हों।

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बता दें कि शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी कई मौकों पर कह चुके हैं कि साल 2030 तक देश की 40 फीसद आबादी के शहरों में निवास करने की संभावना है। इस बाबत केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि अपने तरह की इस पहली परियोजना के क्रियान्वयन के लिए मंत्रालय जल्द ही विस्तृत रूपरेखा जारी करेगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या ये शहर ग्रीनफील्ड परियोजना का हिस्सा होंगे, उन्होंने कहा, “हां। हम नए शहर विकसित करने के बारे में एक प्रणाली बनाएंगे, सरकार इसके लिए एक रुपरेखा तैयार करेगी, जिसमें छह महीने से एक साल तक का समय लग सकता है।” दुर्गा शंकर मिश्र ने शहरों के बाहर के सटे इलाकों को विकसित किए जाने के भी संकेत दिए। 

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उन्होंने कहा कि देश में पिछले कई वर्षों से कोई भी नया शहर नहीं बसाया गया है। वित्त आयोग ने नए शहरों को बसाने के लिए आठ हजार करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक इसमें से हर शहर के लिए एक हजार करोड़ रुपये होंगे। मिश्र ने कहा कि देश को नए शहरों की जरूरत है। जब तक हमारे पास नियोजित शहर नहीं होंगे, विकास के नतीजे नहीं मिलेंगे।

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