कोरोना से लड़ाई की अधूरी तैयारी ने सरकार पर बढ़ाया लॉकडाउन बढ़ाने का दबाव

कलक्टरों और एसपी से जब दिल्ली के अधिकारियों ने बात की तो उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासनिक अमले को लॉकडाउन (Lockdown) और महामारी से निपटने का कोई पूर्व अनुभव नहीं है।

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कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़़ाई में सभी जिलों में एक जैसी रणनीति और एक जैसी तैयारी नहीं करने की वजह से सरकार पर लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है। खामियां छिपाने के लिए राज्य खुद से कह रहे हैं कि लॉकडाउन को आगे भी जारी रखा जाए। इनकी सोच है कि बड़े पैमाने पर संसाधन जुटाने से अधिक आसान लॉकडाउन (Lockdown)‚ एस्मा और कुछ इलाकों में कर्फ्यू है।

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जिलों में कंट्रोल रूम‚ आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई‚ डेडीकेटेड अस्पताल‚ क्वारेंटाइन के स्थान इत्यादि में देरी हुई। यहां तक कि हेल्थ वर्कर की ट्रेनिंग‚ टेस्ट की व्यवस्था और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले ड़ाक्टरों और अन्य कर्मियों के ठहराने के स्थान आरक्षित करने में वैसी तत्परता नहीं दिखाई गई‚ जैसी अपेक्षित थी। कुल मिलाकर आपदा प्रबंधन के लिए सरकार ने युद्ध स्तर पर तैयारी करने के जो निर्देश दिए थे‚ उन पर समय से अमल नहीं हुआ।

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सरकार ने राज्यों को बार–बार समझाया कि यह सब उपाय करने से संक्रमण को फैलने से रोकने के उपाय करने में सुविधा होगी। दरअसल‚ सरकार चाहती थी कि हर जिले में कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने की तैयारी का एक जैसा मॉडल हो ताकि उसे मदद देने और निगरानी करने में सुविधा हो। कई जिलों ने इसे समझ लिया लेकिन बड़ी तादाद में जिलों ने इस पर सुस्ती दिखाई।

सरकार बार–बार इस बात पर जोर इसलिए दे रही थी ताकि कोराना (Coronavirus)  संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए व्यक्तियों की पहचान करने के लिए समय मिल सके और हॉटस्पॉट बनाने की योजना फूलप्रूफ रहे।

जब–जब इस पर कैबिनेट सचिव और गृह सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिव से बात की तो यह बात निकल कर आई कि जिलों के पास आपदा की इतनी व्यापक तैयारी करने के लिए साधन नहीं थे। कलक्टरों और एसपी से जब दिल्ली के अधिकारियों ने बात की तो उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासनिक अमले को लॉकडाउन (Lockdown) और महामारी से निपटने का कोई पूर्व अनुभव नहीं है।

उन्होंने स्वीकार किया कि जिलों में आपदा प्रबंधन की पुरानी जो व्यवस्था थी वह इस आपदा में या तो काम नहीं आई या फिर वो केवल कागजी ही थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कलक्टरों को समझाया गया है कि एक भी संक्रमित व्यक्ति के प्रति लापरवाही सारी प्रयासों पर पानी फेर सकती है इसीलिए कलक्टर अपने–अपने जिलों को बचाएं।

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p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि इसी क्रम में कई जिलों ने अपनी सीमाएं सील की हैं‚ लॉकडाउन (Lockdown) पास रद्द किए हैं और जरूरी सामान को सीधे घरों पर पहुंचाने की व्यवस्था शुरू की है।

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