सेना में अलग-अलग स्तरों पर बदलाव लाने की जरूरत- सीडीएस जनरल बिपिन रावत

सेना में अलग-अलग स्तरों पर बदलाव लाने की जरूरत है। भारतीय सेना (Indian Army) चुनौतियों का सामना कर रही है। 20वीं शताब्दी में सूचना समावेश और तकनीकी विकास के कारण युद्ध के चरित्र और प्रकृति में गहरा परिवर्तन देखा गया है।

CDS General Bipin Rawat

फाइल फोटो।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) ने कहा कि सेना में अलग-अलग स्तरों पर बदलाव की दरकार है।

सेना में अलग-अलग स्तरों पर बदलाव लाने की जरूरत है। भारतीय सेना (Indian Army) चुनौतियों का सामना कर रही है। 20वीं शताब्दी में सूचना समावेश और तकनीकी विकास के कारण युद्ध के चरित्र और प्रकृति में गहरा परिवर्तन देखा गया है। नए उपकरण और रणनीति को लोगों से तेजी से जोड़ने के लिए नियोजित किया जा सकता है, जैसा कि पहले कभी नहीं हुआ। चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) ने 4 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ये बातें कहीं।

सीडीएस ने कहा, “भारतीय सेना दुनिया की किसी भी अन्य सेना की तुलना में अधिक चुनौतियों का सामना करती है और इसलिए युद्ध के स्पेक्ट्रम को पूरा करने के लिए अन्य देशों में अपनाई गई परिवर्तन अवधारणाओं का अध्ययन करने की आवश्यकता है।”

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सीडीएस रावत (CDS General Bipin Rawat) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति, उच्च रक्षा रणनीतिक मार्गदर्शन, उच्च रक्षा और संचालन संगठनों में संरचनात्मक सुधारों को परिभाषित करना कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कदम हैं, जो हमें उठाने की आवश्यक्ता है।

सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सेना में अलग-अलग स्तरों पर बदलाव की दरकार है। इसमें राजनीतिक-सैन्य, रणनीतिक संचालन और सामरिक स्तर शामिल हैं। परिवर्तन के मुख्य आधार पद संरचना, प्रौद्योगिकी, जीविका और तत्परता हैं।

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उन्होंने कहा कि परमाणु युद्ध के तहत पारंपरिक युद्धों या सीमित युद्धों के लिए संगठनात्मक संरचान पहले से मौजूद है, लेकिन उन्हेंने री-मॉडल, री-इक्विप्ड और री- ओरिएंटेड करने की आवश्यक्ता है, तकि आवश्यक लचीलेपन के साथ डिजीटल युद्ध क्षेत्र में संयुक्त लड़ाई लड़ी जा सके।

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