Budget 2020: जानिए इस बार के बजट से टैक्स पेयर्स को क्या हैं उम्मीदें…

इस बार उम्मीद है कि बजट (Budget 2020) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम जनता को कई खुशखबरी देंगी। देश और पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अर्थव्यवस्था की मंदी को दूर करने के लिए वो क्या कुछ करेंगी।

Budget 2020

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इस बार उम्मीद है कि बजट (Budget 2020) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम जनता को कई खुशखबरी देंगी। देश और पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अर्थव्यवस्था की मंदी को दूर करने के लिए वो क्या कुछ करेंगी। टैक्स पेयर्स को इस बार के बजट से काफी आशाएं हैं। 

Budget 2020
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Budget 2020: इस बार उम्मीद है कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम जनता को कई खुशखबरी देंगी। देश और पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अर्थव्यवस्था की मंदी को दूर करने के लिए वो क्या कुछ करेंगी। टैक्स पेयर्स को इस बार के बजट से काफी आशाएं हैं। 1 फरवरी 2020 को पेश होने वाले आम बजट में इनकम टैक्स (Income Tax Slab Changes) से राहत मिलने की पूरी उम्मीद है। इसके संकेत 31 जनवरी को पेश हुए आर्थिक सर्वे से मिले।
आइए जानते हैं कि इस बजट में वित्त मंत्री से जनता को क्या-क्या उम्मीदें हैं-

1- होम बायर्स के लिए इस बजट (Budget 2020) में विशेष घोषणा की जा सकती है। पिछले बजट में पहली बार घर खरीदने वालों को इंट्रेस्ट पेमेंट में 1.5 लाख रुपये तक की छूट दी गई थी। उम्मीद की जा रही है कि इस बजट में इस छूट की सीमा बढ़ा दी जाएगी।

2- वर्तमान में सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये टैक्स में छूट मिलती है। आमलोगों के लिए टैक्स सेविंग का यह सबसे बड़ा तरीका है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बजट में 80सी की सीमा बढ़ाई जा सकती है।

3- डेलॉयट का कहना है कि 5 पर्सेंट और 20 पर्सेंट में टैक्स रेट का डिफरेंस बहुत ज्यादा है। ऐसे में इसकी संभावना है कि 5-10 लाख पर लगने वाले 20 पर्सेंट टैक्स रेट को घटाकर 10 पर्सेंट कर दिया जाए और 10-20 लाख इनकम पर टैक्स रेट 20 पर्सेंट लागू हो। वर्तमान में 10 लाख से ज्यादा इनकम पर 30 पर्सेंट टैक्स लगता है।

4- 2018 में मोदी सरकार ने एकबार फिर से कैपिटल गेन्स टैक्स को लागू किया था। निवेशकों में कैपिटल गेन्स टैक्स से निराशा है। इसलिए संभव है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) पर टैक्स की दर को घटा दिया जाए।

5- सिक्यॉरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) को लेकर भी अलग-अलग राय है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि लिस्टेड सिक्यॉरिटीज पर एसटीटी खत्म किया जाना चाहिए या शेयरों की बिक्री पर होने वाले लॉन्ग टर्म गेन को टैक्स-फ्री कर देना चाहिए। LTCG पर टैक्स और STT दोनों डबल टैक्सेशन के बराबर हैं।

6- यह भी संभव है कि इस सेक्शन में सेपरेट डिडक्शन को लागू किया जाए और टैक्सपेयर्स को ज्यादा राहत दी जाए। इससे टैक्सपेयर्स इन्वेस्टमेंट और अन्य खर्च को ध्यान में रखते हुए टैक्स बेनिफिट्स ले सकते हैं।

7- अगर आपका एम्प्लॉयर भी आपके NPS अकाउंट में योगदान दे रहा है तो इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80CCD(2) के तहत आपकी सैलरी(बेसिक + DA)के 10 फीसदी तक का डिडक्शन मिल सकेगा। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यह लिमिट 14 फीसदी तक की जा चुकी है और अन्य के लिए यह 10 फीसदी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, PDRDA ने सभी के लिए टैक्स-फ्री कॉन्ट्रिब्यूशन को 14% करने की मांग की है।

8- बजट (Budget 2020)  में टैक्स इन्सेंटिव्स के जरिए NPS (नैशनल सेविंग्स स्कीम) को और बूस्ट दिए जाने की उम्मीद की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, NPS रेगुलेटर PFRDA ने NPS डिडक्शन लिमिट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 100000 रुपये किए जाने की मांग की है।

9- कुछ टैक्स एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि सरकार डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स(DDT) में कुछ बदलावों का ऐलान करेगी। फिलहाल कोई कंपनी अपने टैक्सेबल प्रॉफिट पर टैक्स अदा करती है। जब कंपनी अपने शेयरधारकों में सरप्लस प्रॉफिट बांटती है तो उसे बतौर DDT 20.56% चुकाना होता है। इसके अलावा, टैक्सपेयर्स को 10 लाख रुपये से ज्यादा के डिविडेंड पर 10% का अतिरिक्त टैक्स चुकाना होता है (इसमें सरचार्ज और सेस शामिल है)।budget

10- ब्याज से हुई आय टैक्सेबल है, लिहाजा फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट्स निवेशकों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित नहीं होते। फिलहाल सेविंग्स अकाउंट से होने वाली 10,000 रुपये की ब्याज आय टैक्स-फ्री है। सीनियर सिटिजंस के लिए यह लिमिट 50,000 रुपये है। बजट (Budget 2020) से जुड़ी उम्मीदों में सभी के लिए टैक्स-फ्री ब्याज आय की लिमिट 50 हजार रुपये किए जाने की मांग भी शामिल है।

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