कोरोना के भारतीय वेरियेंट से भयभीत हुआ ब्रिटेन, पुराने स्वरूप के मुकाबले यह ज्यादा खतरनाक

किसी भी वायरस की यह प्रकृति होती है कि वह म्यूटेंट हो कर अपने रूप और अस्तित्व को बरकरार रखे। भारत में कोविड–19 की दूसरी भयावह लहर के पीछे कोरोना वायरस (Coronavirus) के इसी वेरियेंट को जिम्मेदार माना जा रहा है।

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इंग्लैंड के स्वास्थ्य विभाग ने भारत में पाए गए कोरोना वायरस (Coronavirus) के तीन वेरियेंट में से एक वेरियेंट को लेकर चिंता व्यक्त की है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक‚ पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) विभाग ने कोरोना वायरस के एक भारतीय वेरियेंट B.1.617.2 को लेकर बताया है कि यह अन्य दो वेरियेंट्स की अपेक्षा अधिक संक्रामक है और तेजी से फैलता है।

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कोरोना वायरस (Coronavirus) के इस वेरियेंट के अलावा अब तक B.1.617 और B.1.617.3 पर शोध चल रहा है। पीएचई की ओर से जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक‚ B.1.617 के 61 सैंपल समेत कुल 500 सैंपल पर शोध किया जा रहा है।

हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना का B.1.617.2 वेरियेंट इंग्लैंड में कोविड–19 महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कैंट वेरियेंट के मुकाबले कम संक्रामक है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार‚ इस बात के अब तक कोई सुबूत नहीं मिले हैं जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के भारतीय वेरियेंट पर वैक्सीन काम नहीं करेगी।

दक्षिण अफ्रीका‚ ब्राजील और भारत में पाए गए कोरोना वायरस के वेरियेंट्स में स्पाइक प्रोटीन में बदलाव देखने को मिला है जिसके जरिए यह ह्यूमन सेल्स से जुड़ जाता है।

दरअसल‚ किसी भी वायरस की यह प्रकृति होती है कि वह म्यूटेंट हो कर अपने रूप और अस्तित्व को बरकरार रखे। भारत में कोविड–19 की दूसरी भयावह लहर के पीछे कोरोना वायरस (Coronavirus) के इसी वेरियेंट को जिम्मेदार माना जा रहा है।

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