
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) महामारी कोरोना वायरस (COVID-19) की चपेट में आ गए हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) महामारी कोरोना वायरस (COVID-19) की चपेट में आ गए हैं। वह कोरोना से संक्रमित हैं। ब्रिटिश पीएम का कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव आया है। इससे पहले प्रिंस चार्ल्स के भी कोरोना से संक्रमित होने की जानकारी सामने आई थी। जानकारी के मुताबिक बोरिस जॉन्सन (Boris Johnson) में कोरोना इन्फेक्शन के लक्षण देखे गए और वह इस वक्त डाउनिंग स्ट्रीट में सेल्फ-आइसोलेशन में हैं। इंग्लैंड के चीफ मेडिकल ऑफिसर प्रफेसर क्रिस विटी की सलाह पर उनका टेस्ट कराया गया था जिसके बाद वह कोरोना पॉजिटिव निकले हैं।
जॉनसन (Boris Johnson) ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा है, पिछले 24 घंटों में उन्होंने खुद में कोरोना वायरस के कुछ लक्षण देखे जिसके बाद उन्होंने टेस्ट कराया और उनकी जांच पॉजिटिव आई। वह अब खुद को आइसोलेट कर रहे हैं। सरकारी काम-काजों को वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संभालेंगे।
Over the last 24 hours I have developed mild symptoms and tested positive for coronavirus.
I am now self-isolating, but I will continue to lead the government’s response via video-conference as we fight this virus.
Together we will beat this. #StayHomeSaveLives pic.twitter.com/9Te6aFP0Ri
— Boris Johnson #StayHomeSaveLives (@BorisJohnson) March 27, 2020
ब्रिटेन में अब तक 12,000 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और 578 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन उन यूरोपीय देशों में है जिसने लॉकडाउन घोषित कर रखा और इसका उल्लंघन करने पर बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) सरकार ने सजा का भी प्रावधान किया है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बुधवार (25 मार्च) सुबह तक बढ़कर कुल 9,529 हो गई है। यूके के डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि मंगलवार (24 मार्च) के आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में कुल 1,452 मामलों की वृद्धि देखने को मिली।
देश के कुल 9,529 पुष्ट मामलों में आधे से ज्यादा (3,000 से ज्यादा) लंदन के ही हैं। ब्रिटेन में गुरुवार (26 मार्च) लॉकडाउन का तीसरा दिन है। अस्पतालों के प्रमुखों के प्रतिनिधि संगठन एनएचएस प्रोवाइडर्स के मुख्य कार्यकारी क्रिस हॉप्सन ने कहा कि उन्हें सूचना मिल रही है कि जिस दर से अस्पतालों के बिस्तर भर रहे हैं, वह बहुत चिंताजनक है क्योंकि संक्रमण के कारण अस्पतालों में कर्मियों की संख्या भी कम हो रही है।
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