Rajesh Khanna: लड़कियां जिनकी गाड़ी को KISS कर गुलाबी कर देती थीं, डिंपल कपाडिया को बनाया हमसफर

Rajesh Khanna Death Anniversary: राजेश खन्ना की आंख झपकाने, गर्दन टेढ़ी करने की अदा पर उस समय में युवा फिदा हुआ करते थे। उनके द्वारा पहने कुर्ते और पैंट युवाओं में फैशन हुआ करते थे। युवा लड़कियों की लिपस्टिक के निशान राजेश खन्ना की कार पर उकेरे हुए मिलते थे।

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Rajesh Khanna: भारत के पहले सुपरस्टार

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Rajesh Khanna Death Anniversary:  हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की आज पुण्यतिथि है। राजेश खन्ना की लोकप्रियता का आलम यह था कि बड़े-बड़े स्टार भी उनकी चमक के सामने फीके पड़ जाते थे। वो बॉलीवुड के पहले ऐसे अभिनेता थे, जिन्हें देखने के लिए लोगों की कतारें लग जाती थीं। एक के बाद एक 15 सुपरहिट फिल्में उनका ऐसा रिकॉर्ड है, जिसका टूटना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। उन्हें दर्जनों अवॉर्ड मिले। बॉलीवुड के काका यानी राजेश खन्ना अपने अलग स्टाइल की वजह से इतने हिट हुए कि लोग उनके दीवाने हो गए और दीवानगी ऐसी थी, जो किसी और अभिनेता के लिए सपना हो। 70 के दशक में बड़े पर्दे पर उनका ऐसा राज था, जो शायद ही किसी अभिनेता का रहा हो। कहा जाता है कि लोग उनके इतने दीवाने थे कि उस दौरान लोग अपने बच्चों का नाम भी राजेश रखते थे और लड़कियां उनकी फोटो से शादी कर लेती थीं।

राजेश खन्ना की आंख झपकाने, गर्दन टेढ़ी करने की अदा पर उस समय में युवा फिदा हुआ करते थे। उनके द्वारा पहने कुर्ते और पैंट युवाओं के बीच फैशन स्टेटस हुआ करता था। युवा लड़कियों की लिपस्टिक के निशान राजेश खन्ना की कार पर उकेरे हुए मिलते थे। राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर, 1942 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनका असली नाम जतिन खन्ना था। राजेश खन्ना को उनके नजदीकी रिश्तेदार ने गोद लिया था और उन्होंने ही पाला था। राजेश खन्ना को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था और यही शौक उन्हें टैलेंट हंट शो तक ले आया। इस टैलेंट हंट शो में 10 हजार लोगों में से सिर्फ 8 लड़कों को चुना गया, जिसमें से एक राजेश खन्ना थे और आखिर में ये टैलेंट हंट राजेश खन्ना ने ही जीता। इस तरह उनके लिए बॉलीवुड के दरवाजे खुल गए।

1966 में उन्हें पहली बार फिल्म ‘आखिरी खत’ में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला। इस फिल्म के बाद राजेश खन्ना ने कई फिल्मों में काम किया और 1969 में आई फिल्म ‘आराधना’ ने उन्हें जबर्दस्त कामयाबी दिलाई। राजेश खन्ना फिल्म ‘आराधना’ के आने से पहले फिल्म ‘राज’, ‘आखिरी खत’ और ‘बहारों के सपने’ द्वारा अभिनय क्षेत्र में अपने आपको मुम्बई सिने जगत में एस्टैब्लिश कर चुके थे। पर निर्माता-निर्देशक शक्ति सामंत की फिल्म ‘आराधना’ (1969) ने राजेश खन्ना को सुपर स्टार बना दिया। फिर तो उनका सिक्का फिल्मों में चलने लगा। उन्होंने कुल 180 से भी अधिक फिल्में कीं। 1969 में ‘आराधना’, ‘सफर’ और ‘कटी पतंग’, 1971 में ‘आनंद’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘नमक हलाल’ और ‘दाग’, 1974 में ‘आपकी कसम’, ‘कुदरत’, 1983 में ‘थोड़ी सी बेवफाई’।

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इन पांच-छ: वर्षों में राजेश खन्ना एक के बाद एक हिट और सुपरहिट फिल्में दर्शकों को देकर इतिहास रचते गए। उनके अभिनय के अलग-अलग अंदाज देख दर्शक दांतों तले उंगलियां दबा लेते थे। 1970 में राजेश खन्ना को उनकी फिल्म ‘सच्चा-झूठा’ के लिए पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। फिल्म ‘आनंद’ को राजेश खन्ना की फिल्मों का मील का पत्थर कहा जा सकता है इसमें राजेश खन्ना का अभिनय गजब का था। इस फिल्म के अभिनय के लिए 1971 में उन्हें लगातार दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। तीसरा फिल्म फेयर पुरस्कार राजेश खन्ना को फिल्म ‘आविष्कार’ के लिए मिला और 2005 में उन्हें फिल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला। बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फिल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा।

गुरुदत्त, मीना कुमारी और गीता बाली को राजेश खन्ना अपना आदर्श मानते थे। राजेश खन्ना का नाम बॉलीवुड में कई फिल्मी अभिनेत्रियों के साथ जोड़ा गया पर, राजेश खन्ना की शादी बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया से हुई। डिंपल कपाड़िया से राजेश खन्ना की पहली मुलाकात अहमदाबाद के नवरंगपुरा स्पोर्ट्स क्लब में हुई थी। जहां 70 के दशक में राजेश खन्ना नवरंगपुरा स्पोर्ट्स क्लब के प्रोग्राम में बतौर चीफ गेस्ट आए थे और यहां पहली नजर में ही वे डिंपल कपाड़िया के दीवाने हो गए थे। फिल्मों के अलावा राजेश खन्ना ने अपना एक रोल राजनीति में भी निभाया। वे कांग्रेस पार्टी के नेता बने।

दिल्ली लोकसभा सीट से वे पांच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। हालांकि, बाद में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया था। साल 2012 में राजेश खन्ना कुछ समय से बीमार चल रहे थे और 18 जुलाई 2012 को उन्होंने इस दुनिया से विदा ली। उनका अपने बंगले ‘आशीर्वाद’ में देहांत हुआ। उनके पार्थिव शरीर को पारदर्शी ताबूत में सफेद फूलों से सजे मिनी ट्रक में रखा गया था और उनके साथ भारी भीड़ चल रही थी। अभिनेता की अंतिम यात्रा में उनसे अलग रही पत्नी डिम्पल कपाड़िया, उनकी छोटी बेटी रिंकी और दामाद अक्षय कुमार उनके साथ रहे थे। साल 2013 में राजेश खन्ना को भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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