देश की रक्षा में अपना बलिदान देने के लिए जाना जाता है ये गांव, 15 सैनिकों ने दी है शहादत

Bindukhatta: इस गांव को मिनी उत्तराखंड के नाम से भी जाना जाता है और यहां की कुल आबादी करीब 1 लाख है। अशोक चक्र विजेता मोहन नाथ गोस्वामी इसी गांव के थे।

Indian Army

सांकेतिक फोटो।

Bindukhatta: इस गांव को मिनी उत्तराखंड के नाम से भी जाना जाता है और यहां की कुल आबादी करीब एक लाख है। कहा जाता है कि यहां रहने वाले 75 फीसदी परिवार या तो पूर्व सैनिकों के परिवार हैं, या फिर वर्तमान सैनिकों के परिवार हैं।

भारत वीरों का देश है। यहां के वीर सपूत अपने देश के लिए हर दम बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं। उत्तराखंड के नैनीताल जिले का बिन्दूखत्ता गांव अपनी कुर्बानी के लिए ही प्रसिद्ध है।

बीते 25 सालों में इस गांव के 15 जवान अब तक देश के लिए शहादत दे चुके हैं। साल 1962, 1965 और 1971 के युद्धों के अलावा इस गांव के जवान कई अहम ऑपरेशन्स में भी शामिल रहे हैं।

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इस गांव को मिनी उत्तराखंड के नाम से भी जाना जाता है और यहां की कुल आबादी करीब एक लाख है। कहा जाता है कि यहां रहने वाले 75 फीसदी परिवार या तो पूर्व सैनिकों के परिवार हैं, या फिर वर्तमान सैनिकों के परिवार हैं।

अशोक चक्र विजेता लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी इसी गांव के निवासी थे। उन्होंने 10 आतंकियों को ढेर किया था। वह 3 सितंबर 2015 को शहीद हुए थे।

उनके अलावा इस गांव के शेखर चंद्र फुलारा, देवी दत्त खोलिया, हवलदार हर्ष सिंह, सिपाही महेश सिंह भैंसोडा, सूबेदार गोविंद सिंह पपोला, सिपाही जीवन सिंह खोलिया, सिपाही नंदा बल्लभ, सिपाही जगत सिंह, विक्रम सिंह कन्याल, राम सिंह धामी, सिपाही महेंद्र सिंह धामी, सूबेदार जमुना प्रसाद पनेरु, सिपाही सुधीर बमेठा, जगदीश चन्द्र जोशी, धनी राम, सिपाही मोहन सिंह रावत, सिपाही शहीद चंद्रमणि, हवलदार किशन सिंह, सिपाही चंदर भी देश के लिए शहीद हुए।

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