2 राज्यों के लिए सिरदर्द बना इनामी नक्सली को बिहार STF ने दुमका से किया गिरफ्तार, ली चैन की सांस

नक्सली (Naxali) सिद्धू कोड़ा झारखंड के गिरिडीह सीमांचल क्षेत्र का ही रहने वाला है शुरुआती तौर पर सिदो ने नक्सली संगठन एनसीसी में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए बड़े-बड़े कांड को अंजाम दिए

Sidhu Koda

झारखंड के दुमका से गिरफ्तार हुए 11 लाख के इनामी नक्सली (Naxali) कमांडर सिद्धू कोड़ा (Sidhu Koda) की मौत हो गई।

मानवता का दुश्मन है नक्सली (Naxali) सिद्धू कोड़ा (Sidhu Koda) जिसने झारखंड के बेलवा घाटी और चीलखारी नरसंहार को दिया था अंजाम। ।17 लोगों को धारदार हथियार से  किया था निर्मम हत्या सिदो दोनो राज्यो के पुलिस के लिए बन चुका था चुनोती , झारखंड के दुमका रेलवे स्टेशन से बिहार एसटीएफ ने किया गिरफ्तार ,ली चैन की सांस। 2 राज्यों के पुलिस के लिए सिरदर्द बना सिदो कोड़ा आखिरकार झारखंड के दुमका रेलवे स्टेशन में पकड़ा ही गया ।

Naxali
नक्सली सिद्धू कोड़ा ने जेल ब्रेक कांड, पुलिस और कई मासूमों की हत्या का है आरोपी चढ़ा बिहार पुलिस के हत्थे। Photo Credit: Digital Jharkhand desk
बताया जाता है कि पुलिस झारखंड और बिहार के पुलिस अधिकारियों को यह जानकारी मिली थी कि नक्सली (Naxali) सिद्धू कोड़ा झारखंड के दुमका रेलवे स्टेशन से कहीं जा रहा है जिसकी सूचना पर बिहार एसटीएफ का एक दल रेकी करते हुए दुमका रेलवे स्टेशन पहुंची और नाटकीय अंदाज से पुलिस ने अपने गिरफ्त में ले लिया , क्योंकि या हार्डकोर नक्सली बहुत ही दूर और दूर से ही पुलिसिया गन्ध को भाप लेता था जिसके कारण वह कई बार बड़ी बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हुए पुलिस के आंख में धूल झुकते हुए भाग खड़ा होता था परंतु इस बार पुलिस ने उसी के अंदाज पर उसी को ही गिरफ्तार कर लिया जिससे अब दोनों राज्यों के पुलिस महकमा को चैन की नींद आ रही है होगी ।।
 
बता दें कि नक्सली (Naxali) सिद्धू कोड़ा झारखंड के गिरिडीह सीमांचल क्षेत्र का ही रहने वाला है शुरुआती तौर पर सिदो ने नक्सली संगठन एनसीसी में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए बड़े-बड़े कांड को अंजाम दिए जिसमें गिरिडीह के चिलखारी  में 20 लोगों की हत्या और भेलवाघाटी में 17 लोगों को जान से मार देने की घटना मुख्य रूप से इस के नेतृत्व में घटित हुई थी ।इतना ही नहीं इस दुर्दांत नक्सली पर सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट हीरा झा को भी मौत के घाट उतार देने का आरोप है।
 
 
इस नक्सली (Naxali) जिस दुर्दांत कारनामे से बिहार के जमुई और झारखंड के गिरिडीह सीमांचल क्षेत्र के गांव में इस कदर दहशत था किलो कि लोग इनके बारे में कुछ भी बोलने से बचते थे क्योंकि इस नक्सली द्वारा बेधड़क जान ही मार दिया जाता था।
 
 बता दें कि भेलवाघाटी इलाके में मुखिया के पुत्र सुभाष वर्णवाल की भी हत्या के साथ-साथ गिरिडीह जेल ब्रेक कांड, चकाई थाना में भेलवाघाटी के चौकीदार सहित गादी गांव में तीन लोगों की गला रेत कर हत्या के साथ कई ऐसे जघन्य मानवीय घटना को अंजाम दिया है जिसे सुनकर भी दिल दहल जाता है। इस संबंध में भेलवाघाटी थाना प्रभारी एमजे खान ने बताया है कि सिदो कोड़ा पर दर्जन से अधिक मामले दर्ज है ।
 
वही देवरी थाना प्रभारी अनुप रोशन भेंगरा ने बताया कि सिदो पर देवरी थाना क्षेत्र में पूल में बम लगाने का मामला दर्ज है। इधर पुलिस सूत्रों के अनुसार जमुई के कई थानों में इस नक्सली के ऊपर दर्जनों मामले दर्ज हैं।  बता दें कि बरसों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना इस इनामी नक्सली के घर मैं कुर्की जब्ती भी की गई थी और इस इस्तेहार भी  चिपकाए गए थे।
इसके बावजूद भी वह पुलिस के हाथों से बचता रहा हालांकि पुलिस द्वारा झारखंड के दुमका रेलवे स्टेशन से इसे पकड़ लिया गया है और सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। बता दें कि आतंक का पर्याय बना इनामी नक्सली सिदो कोड़ा अपने मूल नाम के अलावा अन्य छह नामों से भी जाना जाता है जिसमें सिदो दा उर्फ सिदो हेंब्रम उर्फ सिदो मांझी उर्फ काल जीत कोड़ा उर्फ मुंशी जी उर्फ मुंशी कोड़ा आदि।  बता दें कि यह नक्सली के पिता का नाम  तालों सोरेन है जो खेल पाथर का रहने वाला है

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