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कोरोना (Coronavirus) के कहर के बीच भी नक्सली अपने संगठन (Naxal Organization) को मजबूत करने और हिंसक वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।
बिहार (Bihar) का बांका जिला नक्सलियों (Naxalites) के निशाने पर है। कोरोना (Coronavirus) के कहर के बीच भी नक्सली अपने संगठन (Naxal Organization) को मजबूत करने और हिंसक वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसको लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो ने पहले ही पुलिस प्रशासन को आगाह कर दिया है।
हालांकि, मुठभेड़ में एरिया कमांडर हार्डकोर नक्सली मंटू खैरा के मारे जाने से यहां नक्सलियों की साख काफी कमजोर हुई है। लेकिन नक्सली संगठन (Naxal Organization) फिर से यहां अपने ध्वस्त किले को खड़ा करने की कोशिश में लगे हैं।
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पर पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की सक्रियता और मजबूत सूचना तंत्र की वजह से उन्हें कामयाबी नहीं मिल पा रही है। पुलिस की बढ़ती दबिश के अब तक यहां आधे दर्जन से अधिक नक्सलियों (Naxalites) ने सरेंडर कर दिया है और करीब एक दर्जन नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। लेकिन कोरोना काल मे एकबार फिर नक्सलियों ने यहां सक्रियता बढ़ानी शुरू कर दी है।
कोरोना काल में प्रशासन को लोगों की मदद में व्यस्त देख नक्सली इसका फायदा उठाने की फिराक में हैं। वे यहां किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने का मौका तलाश रहे हैं। इसके लिए नक्सली यहां लंबे समय से विस्फोटक इकट्ठा कर रहे हैं।
13 मई को आनंदपुर ओपी क्षेत्र के पिलुआ जंगल की पहाड़ी के करीब से बरामद किए गए 90 क्विंटल विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट नक्सलियों के खतरनाक मंसूबे की ओर इशारा कर रहा है।
इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां होनेवाले पंचायत चुनाव में नक्सली हिंसा की साजिश कर रहे हैं। बता दें कि जिले में नक्सली कई बार जनप्रतिनिधियों को निशाना बना चुके हैं।
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जिले के एएसपी अभियान अयोध्या सिंह का कहना है, “पिलुआ जंगल से बरामद विस्फोटक काफी पहले ही नक्सलियों ने डंप कर रखा था। जिसकी जांच जारी है। जिले में पुलिस अलर्ट मोड़ में नक्सलियों की हर गतिविधि पर नज रखे हुए है।”
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