धरा गया नक्सलियों के स्लीपर सेल का सदस्य, 17 सालों से दे रहा था चकमा

नक्सलियों (Naxals) के स्लीपर सेल का यह सदस्य पिछले 17 सालों से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा था। मंगलवार (19-05-2020) की देर रात नक्सली (Naxali) तुलसी यादव को पुलिस ने बिहार के नवादा जिले में गिरफ्तार किया है।

Naxali

गिरफ्तार नक्सली तुलसी यादव।

नक्सलियों (Naxals) के स्लीपर सेल का यह सदस्य पिछले 17 सालों से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा था। मंगलवार (19-05-2020) की देर रात नक्सली (Naxali) तुलसी यादव को पुलिस ने बिहार के नवादा जिले में गिरफ्तार किया है। तुलसी यादव को पुलिस ने बड़ी ही नाटकीय तरीके से पकड़ा। लेकिन इसपर हम आगे चर्चा करेंगे। सबसे पहले आपको बताते हैं कि तुलसी यादव स्लीपर सेल में रहकर कैसे अपने आकाओं के लिए काम करता था।

तुलसी यादव कई सालों तक नक्सली दस्ते में रहा। इसके बाद वो हार्डकोर नक्सली (Naxali) प्रद्युम्न शर्मा के लिए काम करने लगे और फिर उसके स्लीपर सेल के सदस्य के तौर पर सक्रिय हो गया। इस सेल में रहकर वो पुलिस के मूवमेंट की जानकारी नक्सलियों (Naxalites) तक बड़ी खामोशी से पहुंचाया करता था। इसके अलावा वो उन सभी नक्सलियों (Naxals) को फिर से संगठन में जोड़ने की कोशिश करता था जो संगठन से बाहर जा चुके थे। जंगल में नक्सलियों को राशन-पानी समेत जरुरत के अन्य सामान पहुंचाना और कई अहम जानकारियां उन्हें देना तुलसी यादव का अहम काम था।

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल एक्शन में, जोनल कमांडर के बाद TSPC का सब जोनल कमांडर भी धराया

पुलिस (Police) को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली (Naxali) तुलसी यादव रजौली थाना क्षेत्र के मांगोडीह गंगटीया गांव में छिपा हुआ है। इसके बाद यहां के एएसपी के निर्देश पर पुलिस और एसटीएफ के जवानों की एक टीम बनाई गई। इस टीम को तुलसी यादव को दबोचने की जिम्मेदारी दी गई थी।

टीम के सदस्यों ने अपनी रणनीति के तहत सबसे पहले मांगोडीह गंगटीया गांव की घेराबंदी शुरू कर दी। घेराबंदी के ही दौरान तुलसी यादव ने पुलिस की टीम को देख लिया और वो भाग निकलने की कोशिश करे लगा। लेकिन पूरी तैयारी में आए जवानों ने नक्सली (Naxali) तुलसी यादव को घेर कर पकड़ लिया।

तुलसी यादव के पकड़े जाने के बाद अब नक्सलियों से जुड़े कई राज खुलने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। बताया जाता है कि साल 2003 में नक्सलियों (Naxalites) के ग्रुप ने पननमा खदान से वहां कार्यरत मैनेजर अरुण कुमार दुबे को अगवा कर लिया था। बाद में लेवी नहीं दिए जाने पर बेरहमी से मैनेजर की हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में तुलसी यादव नामजद अभियुक्त था।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें