बिहार: कई हिंसक वारदातों को दे चुका है अंजाम, राजनीति में भी आजमाया हाथ, आखिर में इस हार्डकोर नक्सली ने कर दिया सरेंडर

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में भाकपा (माओवादी) संगठन के हार्डकोर नक्सली (Naxali) सुबोध बैठा ने 17 जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया। समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए उसने यह फैसला लिया।

Naxali

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में भाकपा (माओवादी) संगठन के हार्डकोर नक्सली (Naxali) सुबोध बैठा ने 17 जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया।

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में भाकपा (माओवादी) संगठन के हार्डकोर नक्सली (Naxali) सुबोध बैठा ने 17 जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया। समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए उसने यह फैसला लिया। वह जिले के सरैया क्षेत्र के मड़वापाकड़ का रहने वाला है। एएसपी अभियान विजय शंकर सिंह, एसएसबी 32वीं बटालियन के कंपनी कमांडर कुमार ऋतुराज और विशेष शाखा के पदाधिकारी विनय कुमार सिंह के सामने उसने आत्मसमर्पण किया। उसके खिलाफ सरैया, कुढ़नी, मोतीपुर, बरूराज और रेल थाने में कई संगीन नक्सली मामले दर्ज हैं।

Naxali
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक हार्डकोर नक्सली ने सरेंडर कर दिया।

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में भाकपा (माओवादी) संगठन के हार्डकोर नक्सली (Naxali) सुबोध बैठा ने 17 जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया। संगठन और अपने साथियों की उसने कुछ अहम जानकारियां दी हैं, जिसके आधार पर पुलिस और एसएसबी (SSB) की टीम आगे की कार्रवाई कर रही है।

कई नक्सली वारदातों को दे चुका है अंजाम

जानकारी के मुताबिक, नक्सली सुबोध कई नक्सली (Naxali) वारदातों को अंजाम दे चुका है। 2016 में तुर्की में रेलवे लाइन निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर हमला कर वाहनों में आग लगाने की घटना में वह शामिल था। इसस पहले 2015 में उसने मोतीपुर में सड़क निर्माण करवा रही कंपनी के बेस कैंप पर खड़े वाहनों में भी आगजनी की थी। इसके अलावा, सरैया में सीमेंट से लदे ट्रक में पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी। बरूराज में हुई हिंसक गतिविधि में भी वह शामिल रह चुका है। जानकारी के अनुसार, नक्सली संगठन से जुड़ने के बाद सुबोध ने अंदर ही अंदर इसे काफी मजबूती दी थी। वैशाली जिले में भी उसने संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी। संगठन में उसकी जिम्मेदारी पार्टी मीटिंग्स में शामिल होना, नक्सली (Naxali) वारदात को अंजाम देना, नक्सली पर्चा चस्पा करना और बांटना था। वह संगठन का काफी सक्रिय सदस्य था।

राजनीति में भी आजमा चुका है हाथ

2016 में उसने अपनी पंचायत से मुखिया का चुनाव भी लड़ा था। लेकिन, उसे सौ से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उसने दोबारा राजनीति की तरफ रुख नहीं किया। वह नक्सली संगठन के जोनल कमांडर रामप्रवेश बैठा और एरिया कमांडर रोहित सहनी से जुड़ा हुआ था। ये दोनों नक्सली फिलहाल जेल में बंद हैं। इन दोनों के साथ मिलकर उसने कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है।

राज्य में एंटी नक्सल अभियान जारी

बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस और प्रशासन नक्सलवाद के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है। इससे पहले, गया जिले की पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में कामयाबी मिली थी। जिले के धनगाई थाना क्षेत्र के दिवनीया गांव से 12 जनवरी की रात पुलिस ने एक हार्डकोर नक्सली को गिरफ्तार किया। शस्त्र सीमा बल (SSB) 29वीं वाहिनी के कमांडेंट राजेश कुमार सिंह को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली (Naxali) छठनी अपने घर पर है। इसके बाद एसएसबी (SSB) के सहायक कमांडेंट जयंत बोरा और थानाध्यक्ष को उसे गिरफ्तार करने का निर्देश मिला। इसके बाद दोनों अफसरों ने जवानों के सहयोग से दिवनीया गांव से छठनी के घर की घेराबंदी कर उसे दबोच लिया।

पढ़ें: अब स्कूलों में पढ़ाया जाएगा भारतीय संविधान, SC ने सरकार को दिया 3 महीने का वक्त

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें