बिहार और झारखंड में दहशत फैलाने की फिराक हैं नक्सली, कैडरों के साथ कर रहे हैं कैंप

जानकारी के मुताबिक, बड़े नक्सली नेता देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद, बालेसर कोड़ा, पिंटू राणा की पत्नी और 25 लाख की इनामी नक्सली करुणा देवी, सुरेश कोड़ा, अर्जुन कोड़ा और दूसरे राज्य के इनामी नक्सली लखडू अपने-अपने कैडरों के साथ मुंगेर रेंज के सीमावर्ती क्षेत्रों में कैंप कर रहें है।

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बिहार और झारखंड के नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देकर दहशत फैलाने के फिराक में है।

बिहार और झारखंड के नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देकर दहशत फैलाने की फिराक में हैं। जानकारी के मुताबिक, बड़े नक्सली नेता देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद, बालेसर कोड़ा, पिंटू राणा की पत्नी और 25 लाख की इनामी नक्सली करुणा देवी, सुरेश कोड़ा, अर्जुन कोड़ा और दूसरे राज्य के इनामी नक्सली लखडू अपने-अपने कैडरों के साथ मुंगेर रेंज के सीमावर्ती क्षेत्रों में कैंप कर रहें है। 4 अगस्त की रात डीआईजी मनु महाराज, जमुई के प्रभारी एसपी राकेश कुमार, एएसपी अभियान राकेश कुमार और तेघड़ा डीएसपी आशीष आनंद, सीआरपीसी, कोबरा और एसएसबी जवान के साथ जमुई और मुंगेर के पहाड़ी क्षेत्रों में छापेमारी की।

मुंगेर के पहाड़ी क्षेत्र में एएसपी अभियान राणा नवीन ने और लखीसराय के पहाड़ी क्षेत्र में एएसपी अभियान ने जिले की पुलिस, सीआरपीसी, कोबरा और एसएसबी जवान की अलग टीम बनाकर छापेमारी किया। इस दौरान डीआईजी ने स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत कर नक्सलियों के खिलाफ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान में गुप्त ढंग से सहयोग करने की भी अपील की।

डीआईजी ने बताया कि हार्डकोर नक्सली और एरिया कमांडर बालेसर कोड़ा को ग्रामीण चाचा के नाम से संबोधन करते हैं। जब-जब नक्सली के शीर्ष नेता जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में कैंप करते हैं। तो किसी न किसी बड़ी घटना को अंजाम देते रहे हैं। यही कारण है कि 2014 में आखिरी बार नक्सलियों ने लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सली ने शीर्ष नेता के नेतृत्व में सीआरपीएफ जवान पर हमला किया गया था। इसमें सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद हो गए थे।

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