
बिहार के नक्सल प्रभावित गया जिले के भदवर थाना क्षेत्र में 22 सितंबर की रात नक्सलियों ने एक पूर्व नक्सली की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी।

बिहार के नक्सल प्रभावित गया जिले के भदवर थाना क्षेत्र में 22 सितंबर की रात नक्सलियों ने एक पूर्व नक्सली की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। मृत नक्सली साल 2015 में आत्मसमर्पण कर चुका था। पुलिस के एक अधिकारी ने 23 सितंबर को जानकारी दी कि 22 सितंबर की रात नक्सलियों के एक दस्ते ने हरही गांव में धावा बोलकर गांव में रहने वाले सुरेखा यादव उर्फ शिवाजी की धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी। सुरेखा यादव पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का एरिया कमांडर था और साल 2015 में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर वह मुख्य धारा से जुड़ गया था। गांव में रहकर ही वह शांतिपूर्वक अपनी जिंदगी बीता रहा था।
पुलिस ने हडही गांव से महज 40 मीटर दूरी पहाड़ की तलहट्टी से शव को बरामद किया। सुरेखा यादव की छोटी बेटी पिंकी कुमारी के अनुसार, 22 सितंबर को वह पिता के साथ किशुनचक बाजार गयी थी। लौटते वक्त वह कुछ और सामान खरीदने लगी थी। इस बीच पिता आगे निकल गए। उसने घर लौटते समय गांव के नाले के पास पिता की हवाई चप्पल पड़ी देखी, लेकिन गौर नहीं किया। देर रात तक जब पिता के घर नहीं लौटे तो अनहोनी की शंका हुई और पुलिस को पिता के अगवा होने की सूचना दी।
हालांकि, इमामगंज के पुलिस उपाधीक्षक अजीत कुमार के मुताबिक, प्रथम दृष्टया यह मामला गांव में आपसी विवाद का लगता है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय अस्पताल भेज दिया गया है। सुरेखा यादव साल 2006 में नक्सली संगठन से जुड़ा था और उसे प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का एरिया कमांडर बनाया गया था। उसने साल 2015 में नक्सली संगठन को अलविदा कह तत्कालीन एसपी गरिमा मलिक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था और मुख्यधारा से जुड़कर जिंदगी जी रहा था।
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