
कोराना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के खतरे से जहां देश विदेश के वैज्ञानिक निबटने के लिए तरह तरह के शोध में जुटे हैं वहीं पर बीएचयू की एक महिला प्रोफेसर ने अपनी शोध छात्राओं के साथ मिलकर एक आसान तकनीक इजाद करने का दावा किया है। उन्होंने इसके पेटेंट के लिए भी प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है।
बीएचयू में डिपार्टमेंट मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गीता राय और उनकी टीम ने यह तकनीक तैयार की है। इस तकनीक के मुताबिक जिस सैम्पल की जांच के लिए लैब में घंटों लग जाते हैं अब यह आसानी से और जल्दी हो सकेगा। उनका कहना है कि आरटीपीसीआर आधारित जांच सटीक जानकारी देगा।
This has been developed by an all women team of Dolly Das, Khushbupriya, Hiral Thakar & me. We filed a patent on Mar27. It’ll be successful only when its validated by NIV after which it has to be approved by ICMR: Asst Professor Dr. Geeta Rai, Dept of Molecular&Human Genetics,BHU pic.twitter.com/lETVZ88Gv0
— ANI UP (@ANINewsUP) March 31, 2020
सूत्रों ने बताया कि यह तकनीक प्रोटीन सीक्वेंस को टारगेट करती है जो सिर्फ कोरोना वायरस (Coronavirus) में मौजूद है। इस टेक्नोलॉजी की नवीनता के आधार पर एक पेटेंट भी फाइल किया गया है। जिसमें यह दावा किया गया है भारत में इस तरह का कोई टेस्टिंग किट नहीं है।
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p style=”text-align: justify;”>सूत्रों ने बताया कि यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो कोरोना (Coronavirus) सैम्पिलिंग की जांच में काफी मदद मिलेगी और मापदंड़ो के आधार पर आसान रोकथाम हो सकेगी। केंद्रीय औषधी मानक नियंत्रण संगठन और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से भी संपर्क किया गया है‚ ताकि इसे जनता तक ले जाया जा सके। उनकी टीम डोली दास‚ खुशबू प्रिया और हीरल ठक्कर भी शमिल है।
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