Varavara Rao
भीमा-कोरेगांव केस (Bhima Koregaon Case) में गिरफ्तार कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव (Varavara Rao) को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने मेडिकल आधार पर छह महीने के लिए जमानत (Bail) दे दी। एल्गार परिषद मामले में यह पहली जमानत है। एल्गार परिषद मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 22 फरवरी को कवि वरवरा राव की अंतरिम जमानत मेडिकल आधार पर मंजूर की।
इसी के साथ कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि वह मुंबई में ही रहें और जब भी जांच के लिए उनकी जरूरत पड़े, उपलब्ध रहें। गौरतलब है कि भीमा-कोरेगांव केस (Bhima Koregaon Case) में जेल में बंद वरवरा राव (Varavara Rao) पिछले साल जुलाई में कोरोना संक्रमित पाए गए थे। न्यायिक हिरासत में नवी मुंबई के तालोजा जेल में बंद वरवर राव को उसके बाद सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
तब वरवरा राव के परिवार ने उनकी बिगड़ती हालत को लेकर चिंता जाहिर की थी। पिछली सुनवाई में वरवरा राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने बॉम्बें हाइकोर्ट में अपने मुव्वकिल की सेहत की जानकारी देते हुए और अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया था कि कार्यकर्ता-कवि फरवरी, 2020 से अभी तक कुल 365 दिनों में से 149 दिन अस्पताल में रहे हैं।
इसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया था। बता दें कि यह मामला 1 जनवरी, 2018 को पुणे के निकट कोरेगांव की जंग की 200वीं वर्षगांठ के जश्न के बाद हिंसा भड़कने से संबंधित है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस मामले की जांच NIA कर रही है।
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मामले की जांच कर रही एजेंसी एनआईए ने आरोप लगाया कि स्वामी भाकपा, समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए षडयंत्रकारियों सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेन्द्र गैडलिंग, अरुण फरेरा, वर्नन गोंसालवेस, हनी बाबू, शोमा सेन, महेश राउत, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े के संपर्क में रहे हैं।
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