देशभर की महिलाओं के लिए मिसाल बनीं कश्मीर की आयशा अजीज, कर दिखाया ये कारनामा

महिलाओं ने हमेशा साबित किया है कि वे पुरुषों से कम नहीं हैं। अब एक बार और इस बात को साबित किया है जम्मू-कश्मीर की रहने वालीं 25 साल की आयशा अजीज (Ayesha Aziz) ने।

Ayesha Aziz

Ayesha Aziz

आयशा अजीज (Ayesha Aziz) ने कहा कि उनका मानना है कि कश्मीरी महिलाओं ने पिछले कुछ सालों में काफी प्रगति की है और शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण रूप से अच्छा किया है।

महिलाओं ने हमेशा साबित किया है कि वे पुरुषों से कम नहीं हैं। अब एक बार और इस बात को साबित किया है जम्मू-कश्मीर की रहने वालीं 25 साल की आयशा अजीज (Ayesha Aziz) ने। आयशा अजीज सबसे कम उम्र में देश की महिला पायलट (Female Pilot) बन गई हैं। आयशा ने कश्मीरी लड़कियों के लिए एक मिसाल पेश की है।

आयशा ने साल 2011 में महज 16 साल की उम्र में ही स्‍टूडेंट पायलट लाइसेंस हासिल कर लिया था। उसके अगले साल उन्होंने रूस के सोकोल एयरबेस में MIG-29 जेट उड़ाने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया। आयशा को अपने सपने को पूरा करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।

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आयशा जब 16 साल की थी तब से स्कूल में ही ट्रेनिंग लेने लगी थीं और साल 2017 में बॉम्बे फ्लाइंग क्लब से उन्हें कमर्शियल लाइसेंस मिल गया था। ट्रेनिंग के दिनों में आयशा पूरे सप्‍ताह स्‍‍कूल जाती थीं और वीकेंड पर विमान उड़ाने की ट्रेनिंग लिया करती थीं।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में आयशा अजीज (Ayesha Aziz) ने कहती हैं कि कश्मीरी महिलाओं ने पिछले कुछ सालों में काफी प्रगति की है और शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण रूप से अच्छा किया है।

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उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि कश्मीरी महिलाएं अच्छा कर रही हैं, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में। कश्मीर की हर दूसरी महिला अपने परास्नातक या डॉक्टरेट कर रही है। घाटी के लोग बहुत अच्छा कर रहे हैं।”

वे बताती हैं, “मुझे हवाई यात्रा करना और लोगों से मिलना अच्छा लगता है। इस वजह से मैंने पायलट बनने का निर्णय लिया। पायलट बनने के लिए आपका मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है।” उन्होंने आगे कहा कि इस पेशे में किसी की मानसिक स्थिति बहुत मजबूत होनी चाहिए क्योंकि 200 यात्रियों को ले जाना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है।

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उन्होंने कहा कि मैंने इस क्षेत्र को इसलिए चुना क्योंकि मैं बहुत छोटी उम्र से यात्रा करना पसंद करती थी और उड़ान मुझे काफी रोमांचित करता है। एक व्यक्ति को इतने सारे लोग मिलते हैं। यही कारण है कि मैं एक पायलट बनना चाहती थी। यह काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यह 9 से 5 बजे वाली डेस्क जॉब नहीं है। इसमें कोई एक निश्चित पैटर्न नहीं है और मुझे लगातार नए स्थानों, विभिन्न प्रकार के मौसम का सामना करने और नए लोगों से मिलने के लिए तैयार रहना होता है।

आयशा (Ayesha Aziz) को सिंगल इंजन का सेसना 152 और 172 एयरक्राफ्ट उड़ाने का अनुभव है। उन्हें अपनी 200 घंटे की उड़ान पूरा होने के बाद कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस दिया गया है।

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आयशा सुनीता विलियम्‍स को अपना आदर्श मानती हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। आयशा की मां जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता महाराष्ट्र के मुंबई से हैं। आयशा (Ayesha Aziz) के भाई का कहना है कि उनकी बहन ने कश्मीरी लड़कियों के लिए एक मिसाल कायम की है।

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