
असम (Assam) में 8 प्रतिबंधित संगठनों के 644 उग्रवादियों ने 177 हथियारों के साथ 23 जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया।
असम (Assam) में 8 प्रतिबंधित संगठनों के 644 उग्रवादियों ने 177 हथियारों के साथ 23 जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया। उग्रवादियों ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) की मौजूदगी में सरेंडर किया। पुलिस ने बताया कि उल्फा (आई), एनडीएफबी, आरएनएलएफ, केएलओ, भाकपा (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी के सदस्यों ने एक कार्यक्रम में असम (Assam) के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया।

असम (Assam) में 8 प्रतिबंधित संगठनों के 644 उग्रवादियों ने 177 हथियारों के साथ 23 जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया। उग्रवादियों ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) की मौजूदगी में सरेंडर किया। पुलिस ने बताया कि उल्फा (आई), एनडीएफबी, आरएनएलएफ, केएलओ, भाकपा (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी के सदस्यों ने एक कार्यक्रम में असम (Assam) के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया। पुलिस महानिदेशक ज्योति महंता ने पत्रकारों से कहा कि राज्य के लिए और असम (Assam) पुलिस के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है। 8 उग्रवादी समूहों के कुल 644 कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आत्मसमर्पण किया है।
Guwahati: 644 cadres of 8 militant groups today surrendered at the Arms Laying Down Ceremony, in presence of Assam Chief Minister Sarbananda Sonowal. pic.twitter.com/jz5Tls7ApN
— ANI (@ANI) January 23, 2020
महंता ने बताया कि सरेंडर करने वाले सदस्य यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया (एनडीएफबी), आरएनएलएफ, केएलओ, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी), नेशनल संथाल लिबरेशन आर्मी (एनएसएलए), आदिवासी ड्रैगन फाइटर (एडीएफ) और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बंगाली (एनएलएफबी) के हैं। इनमें उल्फा के 50, एनडीएफबी के 8, सीपीआई (एम) के 1, एडीएफ के 178 और एनएलएफबी के 301 सदस्य शामिल हैं। महंता ने आगे बताया कि इन उग्रवादियों ने एके- 47 और एके-56 जैसे कई हथियार सौंपे हैं। इतनी बड़ी संख्या में उग्रवादियों का आत्मसमर्पण करना राज्य पुलिस के लिए बड़ी सफलता है।
गौरतलब है कि इस महीने के शुरुआत में एनडीएफबी ने सरकार के साथ अपने अभियान बंद करने का त्रिपक्षीय समझौता किया था। समझौते के मुताबिक, एनडीएफबी सरगना बी साओराईगवरा समेत सभी उग्रवादी हिंसक गतिविधियां रोकेंगे और सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल होंगे। त्रिपक्षीय समझौते में एनडीएफबी, केंद्र सरकार और असम (Assam) सरकार शामिल थे। साओराईगवरा के साथ एनडीएफबी के कई सक्रिय सदस्य 11 जनवरी को म्यांमार से भारत आए थे। राज्य बहुत लंबे समय से उग्रवाद का दंश झेल रहा है। इतनी बड़ी तादात में उग्रवादियों के आत्मसमर्पण से शांति की उम्मीद जगी है।
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