
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया। इसके अनुसार, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे। इससे पहले जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने शाह से जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक पेश करने को कहा। इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू है। तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद कर दिए गए हैं। राज्य में हालात वैसे ही हैं, जैसे जंग के वक्त होते हैं। विधेयक तो पारित हो जाएगा। हम विधेयक के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमें पहले कश्मीर के हालात पर चर्चा करनी चाहिए। हमने इसी को लेकर नोटिस भी दिया है। एक घंटे उस पर चर्चा होनी चाहिए।
आजाद के बयान पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर हर जवाब देने को तैयार हैं और यह विधेयक भी कश्मीर के संबंध में है। उन्होंने कहा कि इस सदन में पेश विधेयक के पारित होने के बाद उस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने और सरकारी गैजेट में उसके प्रकाशित होने के बाद जम्मू-कश्मीर के संबंध में अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। गृह मंत्री द्वारा पेश किए गए बिल में जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन किया गया है। राज्यसभा में बिल पास होने से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
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आरक्षण नियम में संशोधन के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति जो पिछड़े क्षेत्रों, नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से सुरक्षा कारणों से चला गया हो उसे भी आरक्षण का फायदा मिल सकेगा। वहीं, कश्मीर के ताजा हालातों पर पीडीपी के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर के मुद्दे पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब नजरबंद किया जा रहा है। ये हिंदुस्तान की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्हें ही बंद किया जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है। जम्मू कश्मीर में पर्यटन को खत्म किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। इसके अतिरिक्त केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (द्वितीय संशोधन) बिल 2019 भी पेश करेंगे। इसके जरिए जम्मू-कश्मीर में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। यह बिल 28 जून को भारी हंगामे के बीच लोकसभा में पास हो गया था। इसके साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन का समय 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया। पहले राष्ट्रपति शासन 3 जुलाई को समाप्त होने वाला था।
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