अनुच्छेद 370: राजनीति के साथ ही बदल गया देश का इतिहास और भूगोल

अब देश में राज्यों की संख्या घट गई है, वहीं केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या बढ़ गई है। अब भारत में राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 हो गई है और केंद्रशासित राज्यों की संख्या सात से बढ़कर नौ हो गई है।

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अनुच्छेद 370 हटाए जाने से अब देश में राज्यों की संख्या घट गई है, वहीं केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या बढ़ गई है।

5 अगस्त को केन्द्र सरकार के ऐतिहासिक कदम से काफी कुछ एक साथ बदल गया। देश की राजनीति, इतिहास और भूगोल भी बदल गए और इसी के साथ बदल गई देश में राज्यों की संख्या भी। अब देश में राज्यों की संख्या घट गई है। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या बढ़ गई है। अब भारत में राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 हो गई है और केंद्र शासित राज्यों की संख्या सात से बढ़कर नौ हो गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया।

इसके अनुसार जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही इसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होंगे। राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिए केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की। चंडीगढ़ की तरह यहां भी विधानसभा नहीं होगी। शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा, जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। इस तरह से देश में केंद्र शासित राज्यों की संख्या 7 से बढ़कर 9 हो गई है।

पहले 7 केंद्र शासित प्रदेश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, चण्डीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुदुच्चेरी थे। सरकार की घोषणा के बाद केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में जम्मू कश्मीर और लद्दाख का नाम जुड़ गया है। अब ये दोनों राज्य सरकार के अधीन होंगे। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से जम्मू-कश्मीर के बारे में लोग सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे थे। अब सरकार ने राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए कश्मीर को केंद्र शासित राज्य घोषित करने के साथ ही 370 पर भी फैसला दिया है।

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