गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकियों ने किया बड़ा खुलासा, इसलिए बेचैन है आतंक का आका पाकिस्तान

एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिनों पहले ही अफगानिस्तान के ईस्टरन प्रांत से 350 से ज्यादा आतंकियों को लश्कर में शामिल कर पाकिस्तानी सेना टेरर कैंपों में ट्रेनिंग देने में लगी हुई है।

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सीमा पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एक बड़ा खुलासा किया है।

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) को खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान कश्मीर घाटी में लगातार हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहा है। इसी बीच 21 अगस्त को सीमा पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एक बड़ा खुलासा किया है। गुलमर्ग सब सेक्टर में पकड़े गए लश्कर के ये दोनों आतंकी खुद को आतंकी संगठन का गाइड बताते हैं। इन दोनों के नाम खलील अहमद और मोजम खोखर हैं। दोनों के कोड नाम खालिद और नाजिम हैं। ये दोनों गुलाम कश्मीर के रहने वाले हैं। जानकारी के अनुसार, दोनों ही आतंकियों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, एक आतंकी खलील अहमद, जिसकी उम्र 36 साल है वह पाकिस्तान के रावलपिंडी का रहने वाला है जबकि दूसरा आतंकी नजीम खोखर जिसकी उम्र 25 साल है वह पाकिस्तान के फारवर्ड क्वेटा का रहने वाला है।

दोनों आतंकियों ने जांच एजेंसियों से कहा है कि उन्हें लश्कर के खचरबन और कोटली में आतंकी हमले की ट्रेनिंग दी गई थी। लश्कर के इन आतंकियों ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि लाइन आफ कंट्रोल से कश्मीर में घुसपैठ कराने की जिम्मेदारी पाक सेना के तीन पोस्ट जोहली, बर्गी और न्यू बाठला को दी गई थी। पाक सेना के पोस्ट के नजदीक खचरबन लांचिंग पैड के जरिए ये आतंकी कश्मीर में दाखिल हुए थे। इन आतंकियों ने यह भी बताया है कि खचरबन लांचिग पैड पर 50 से ज्यादा आतंकियों का जमावड़ा है जो पाकिस्तानी सेना की मदद से जम्मू कश्मीर में दाखिल होने की साजिश में लगे हुए हैं। दोनों आतंकियों को हमले के टारगेट का मुआयना करने के लिए भेजा गया था, जिन्हें सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया था। इन आतंकियों ने सुरक्षाबलों से बाकी आतंकियों के बारे में कई अहम जानकारियां भी दी हैं।

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इन आतंकियों के ग्रुप में कुल चार पाकिस्तानी हैं और तीन अफगानी मूल के आतंकी हैं। पकड़े गए आतंकियों ने कहा है कि अफगानी मूल के आतंकी अमजद, एहसान और सरफराज को उर्दू बोलनी नहीं आती है। पूछताछ में दोनों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने गुलाम कश्मीर में अपनी निगरानी में आतंकियों के लॉन्चिंग पैड और ट्रेनिंग कैंप फिर से सक्रिय कर दिए हैं। पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ के लिए आतंकियों के अलग-अलग गुट बनाए हैं। प्रत्येक गुट में छह से सात आतंकी रखे गए हैं। पाक सेना इन आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए भारतीय ठिकानों पर गोलाबारी करेगी। खालिद और नाजिम के मुताबिक, गोलाबारी का फायदा घुसपैठ करने वाले आतंकी लेंगे। उन्होंने बताया कि वादी में इंटरनेट सेवाओं पर रोक के कारण विभिन्न आतंकी संगठनों का कश्मीर में सक्रिय अपने कैडर और ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

इसलिए गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी सरगना और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई घुसपैठ करने वाले आतंकियों को अत्याधुनिक जीपीएस देने के अलावा जिस इलाके में आतंकियों को रहना है, उसका पूरा ब्योरा और उस इलाके में सक्रिय अपने कैडर और ओजीडब्ल्यू की तस्वीरें भी दे रही हैं। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में किसी तरह की हिंसा न होने से सरहद पार बैठे जिहादी सरगना और उनके आका हताश हो चुके हैं। वह कश्मीर में खून-खराबा करने के लिए बड़े पैमाने पर आतंकियों की खेप कश्मीर में भेजने के लिए मौका तलाश रहे हैं। सूत्रों ने बताया इन दोनों ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी सेना व आतंकी संगठनों की गतिविधियों के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान तालिबानी आतंकियों को कश्मीर की तरफ भेजेने की कोशिश में लगातार लगा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों पहले ही अफगानिस्तान के ईस्टरन प्रांत से 350 से ज्यादा आतंकियों को लश्कर में शामिल कर पाकिस्तानी सेना टेरर कैंपों में ट्रेनिंग देने में लगी हुई है। यही नहीं खुरासान ईलाकों में भी जैश ए मोहम्मद और आईएसआईएस आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की एजेंसियां लगातार मदद करने में लगी हुई हैं जिससे कश्मीर में बड़े हमले कराए जा सकें। आतंकियों के इस खुलासे के बाद भारतीय सेना ने सुरक्षा को और भी बढ़ा दिया है। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इन दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है।

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