सेना को मिलेंगी MILAN-2T एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, जानें इसकी खूबियां

रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने सेना को 4,960 MILAN-2T एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की आपूर्ति के लिए डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (DPSU) भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ करार किया है।

MILAN-2T

MILAN-2T

मिलान -2 टी (MILAN-2T) एक इन्फैंट्री और दूसरी पीढ़ी का एटीजीएम है। यह सौदा सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देगा।

भारत रक्षा क्षेत्र में लगातार अपनी शक्तियां बढ़ा रहा है। देश की सेनाओं को नई तकनीकी से लैस हथियार मुहैया कराए जा रहे हैं। इसी कड़ी में रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने 19 मार्च को 1,188 करोड़ रुपये की लागत से सेना को 4,960 MILAN-2T एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की आपूर्ति के लिए डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (DPSU) भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ करार किया है।

इंडक्शन को तीन साल में पूरा करने की योजना है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिलान -2 टी (MILAN-2T) का उत्पादन बीडीएल द्वारा फ्रांस की एक रक्षा फर्म से लाइसेंस के तहत किया जाता है।

Coronavirus: भारत में डरा रहे संक्रमण के आंकड़े, दिल्ली में कोरोना ने तोड़ा इस साल का रिकॉर्ड; देखें अपडेट

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘यह परियोजना रक्षा उद्योग के लिए अपनी क्षमता दिखाने का एक बड़ा अवसर है और रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम होगा।’

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, इस करार पर रक्षा मंत्रालय और अधिग्रहण शाखा की तरफ से संयुक्त सचिव (एएमएंडएलएस) दीप्ति मोहिल चावला और बीडीएल के कार्यकारी निदेशक (विपणन) टी एन कौल ने हस्ताक्षर किए।

‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के ‘भिड़े’ आए कोरोना की चपेट में, एक्टर ने खुद दी ये जानकारी

बीडीएल के सीएमडी कप्तान सिद्धार्थ मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह ठेका मिलने से कंपनी के मौजूदा ऑर्डर बुक को मजबूती मिली है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मौजूदा ठेके के साथ कंपनी के वर्तमान ऑर्डर बुक की स्थिति 9,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

MILAN-2T एक इन्फैंट्री और दूसरी पीढ़ी का एटीजीएम है। यह सौदा सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देगा। यह अनुबंध ‘रिपीट ऑर्डर’ है, जिसे 8 मार्च, 2016 को भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ अनुबंधित किया गया था।

ये भी देखें-

मिलान -2 टी 1,850 मीटर की सीमा के साथ एक टेंडम वारहेड एटीजीएम है। इन मिसाइलों को जमीन से और साथ ही वाहन-आधारित लांचर से दागा जा सकता है और आक्रामक और रक्षात्मक दोनों कार्यों के लिए एंटी-टैंक रोल में तैनात किया जा सकता है। इन मिसाइलों से सशस्त्र बलों की क्षमता और बढ़ा जाएगी।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें