Army में बढ़ाई जाएगी रिटायरमेंट की उम्र सीमा, 4 लाख जवानों को मिलेगा लाभ

सेना (Army) के करीब चार लाख जवानों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल की जाएगी। यह तकनीकि पदों और गैर युद्धक भूमिकाओं में लगे जवानों के लिए होगा। वायुसेना और नौसेना के भी हजारों जवानों को इसका फायदा होगा।

सेना (Army) के करीब चार लाख जवानों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल की जाएगी। यह तकनीकि पदों और गैर युद्धक भूमिकाओं में लगे जवानों के लिए होगा। वायुसेना और नौसेना के भी हजारों जवानों को इसका फायदा होगा। रक्षा मंत्रालय अगले वित्त वर्ष में इस पर निर्णय ले सकता है। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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सेना के करीब चार लाख जवानों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल की जाएगी।

सेना (Army) के करीब चार लाख जवानों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल की जाएगी। यह तकनीकि पदों और गैर युद्धक भूमिकाओं में लगे जवानों के लिए होगा। वायुसेना और नौसेना के भी हजारों जवानों को इसका फायदा होगा। रक्षा मंत्रालय अगले वित्त वर्ष में इस पर निर्णय ले सकता है। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस निर्णय से पहले चरण में करीब चार लाख जवानों को फायदा होगा। अभी मोटे तौर पर एक जवान 17-18 साल सेना में रहता है। सरकार उसे 34-35 साल तक पेंशन देती है।

जवानों को 34-35 साल तक मिलेगा सेवा का मौका

नई योजना के तहत जवानों को 34-35 साल सेवा का मौका मिलेगा और 17-18 साल पेंशन प्राप्त करेंगे। उम्र सीमा में बढ़ोतरी से सरकार और जवानों, दोनों को फायदा होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के अनुसार, अभी सेना (Army) के जवान 17-18 साल सेवा के बाद रिटायर हो जाते हैं। तब उनकी उम्र 40 से नीचे-नीचे ही रहती है। इसके बाद उन्हें जो रोजगार मिलता है, उनके सम्मान के अनुरूप नहीं होता है। उनके बच्चे भी स्कूल में पढ़ रहे होते हैं। जबकि सरकार को भी इससे नुकसान है।

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सरकार के पेंशन का खर्च बढ़ रहा है। अगले बजट में पेंशन के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। साल दर साल इसमें बढ़ोतरी हो रही है। जनरल रावत ने कहा कि पहले चरण में एक तिहाई सैन्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति उम्र को अफसरों की सेवानिवृत्ति की भांति 58 साल करने के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई है। तकनीकि पदों, मेडिकल सेवाओं, गैर युद्धक भूमिकाओं में कार्य कर रहे जवानों को इस दायरे में लाया जाएगा। इस सिलसिले में कई अध्ययन किए गए थे और उन्हीं की रिपोर्ट पर यह निर्णय लिया गया है।

वायुसेना और नौसेना से भी संभावनाएं तलाशने को कहा 

जनरल बिपिन रावत ने कहा, “मुझे लगता है कि सेना (Army) के एक तिहाई लोग 58 वर्ष की उम्र तक काम कर सकते हैं। वर्तमान में सशस्‍त्र बलों से सैनिक 37-38 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं, जबकि अधिकारी सामान्‍यत: 58 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं।” उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में अन्य जवानों की सेवानिवृत्ति की उम्र में भी इजाफा किया जाएगा। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

उन्होंने कहा कि 45 साल की उम्र तक युद्ध के मोर्चे पर जवानों को तैनात करने में कोई हर्ज नहीं है। वे हर चुनौतियों से निपटने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में जल्द निर्णय लिया जाएगा। सीडीएस (CDS) ने नौसेना-वायुसेना से भी कहा है कि वे सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने के उपाय करें। वायुसेना और नौसेना में भी यह व्यवस्था लागू होगी। दोनों बलों को भी इसके लिए संभावनाएं तलाशने को कहा गया है।

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