Army Day 2021: आर्मी डे के मौके पर अपने जांबाजों को याद कर रहा देश, ये हैं भारत के सर्वोच्च वीरता पदक

सेना दिवस (Army Day) के अवसर पर पूरा देश थल सेना की बहादुरी, अदम्य साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है। इस मौके पर हम आपको सेना सर्वश्रेष्ठ मेडल्स के बारे में बता रहे हैं।

Army Day

हर साल 15 जनवरी के दिन को सेना दिवस (Army Day)  के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न केवल भारतीय सेना के लिए खासा अहम होता है, बल्कि भारत के इतिहास में भी यह एक अहम दिन है।

Army Day 2021: हर साल 15 जनवरी के दिन को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न केवल भारतीय सेना के लिए खास है, बल्कि भारत के इतिहास में भी यह एक अहम दिन है। यह वो दिन है जब पहली बार कोई भारतीय इंडियन आर्मी का कमांडर इन चीफ बना था।

इससे पहले तक अंग्रेज ही इस पद पर रहते आए थे। दरअसल, 15 जनवरी, 1949 को इंडियन आर्मी के कमांडिंग चीफ जनरल सर फ्रांसिस बटचर की जगह फील्ड मार्शल कोडेंडरा एम करिअप्पा को भारतीय सेना कमांडर इन चीफ बनाया गया था।

Army Day 2021: 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है आर्मी डे, यहां जानें सब कुछ

सेना दिवस (Army Day) के अवसर पर पूरा देश थल सेना की बहादुरी, अदम्य साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है। इस मौके पर हम आपको सेना सर्वश्रेष्ठ मेडल्स के बारे में बता रहे हैं। सेना में दो स्तर पर मेडल दिए जाते हैं। एक युद्ध के दौरान बहादुरी दिखाने पर और दूसरा शांति के दौरान वीरता दिखाने पर।

ये वीरता पुरस्कार साल में दो बार घोषित किए जाते हैं- गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर। इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम है -परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र।

युद्ध के दौरान दिए जाने वाले पदक

1- परम वीर चक्र: परमवीर च्रक भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता शूरता और बलिदान के लिए दिया जाता है। पहली बार 3 नवंबर, 1947 को भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट की चौथी बटालियन के मेजर सोमनाथ शर्मा को ये पदक दिया गया था। हालांकि, इस पुरस्कार को देने की औपचारिक घोषणा 26 जनवरी, 1950 को राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने की थी। खास बात ये है कि इस परमवीर चक्र को आर्मी के ही एक अफसर विक्रम खानोलकर की पत्नी सविता खानोलकर ने डिजाइन किया था। इसे बैंगनी रंग के रिबन के साथ पहना जाता है। अब तक 21 लोगों को यह सम्मान मिल चुका है।

2- महावीर चक्र: यह सेना का दूसरा सबसे बड़ा पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता और बलिदान के लिए दिया जाता है। सेना, नौसेना और वायु सेना के सभी रैंक के अधिकारी, प्रादेशिक सेना, रिजर्व बल और किसी अन्य विधिवत सशस्त्र बल के लोगों को दिया जा सकता है। सुरक्षाबलों में से किसी भी विभाग से सम्बंधित व्यक्ति को इस अवार्ड के लिए युद्ध क्षेत्र में बहादुरी दिखाने के लिए चुना जाता है। साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ये मेडल सबसे ज्यादा दिए गए थे।

3- वीर चक्र: युद्ध के समय वीरता के लिए दिया जाने वाला यह तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है, जो दुश्मन के खिलाफ दिखाई गई बहादुरी के लिए दिया जाता है। यह पदक भी सैनिकों और असैनिकों को दिया जा सकता है। 26 जनवरी, 1950 से इसकी शुरुआत हुई। इस मेडल को 16mm नीले और 16mm केसरिया रंग के रिबन के साथ पहना जाता है।

शांति काल के दौरान दिए जाने वाले पदक-

शांति के दौरान यानी जब युद्ध नहीं हो रहा होता है, तब भी सेना के जवानों को वीरता पुरस्कार दिए जाते हैं। भारत ने अपनी आखिरी लड़ाई पाकिस्तान के साथ 1999 में लड़ी थी, लेकिन उसके बाद भी एयर स्ट्राइक, आतंकवादी घटनाएं, सीमा पर घुसपैठ और क्रास बॉर्डर फायरिंग जैसी चीजें होती रहती हैं, जिनमें जवानों ने असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया और ऐसी वीरता दिखाने वालों को ये सम्मान मिलता है। शांति के समय दिए जाने वाले ऐसे पुरस्कारों में अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र शामिल हैं।

1- अशोक चक्र: अशोक चक्र को पीसटाइम का परमवीर चक्र माना जाता है। यानी युद्ध से अलग वीरता और साहस के लिए दिया जाने वाला ये सबसे बड़ा अवार्ड है। इसने ब्रिटिश जॉर्ज क्रॉस अवार्ड की जगह ली थी। फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुहास बिस्वास पहले इंडियन थे, जिन्हें ये अवॉर्ड मिला। इस अवार्ड की शुरुआत 4 जनवरी, 1952 को हुई थी। तब इसे अशोक चक्र क्लास 1 कहा जाता था। बाद में 1967 में इसे अशोक चक्र कहा जाने लगा। इसे हरे रिबन के साथ पहना जाता है, जिसमें एक केसरिया पट्टी बनी होती है।

2- कीर्ति चक्र: कीर्ति चक्र भारत का शांति के समय वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। कीर्ति चक्र को 1952 में अशोक चक्र क्लास 2 नाम दिया गया था। बाद में 1967 में इसे कीर्ति चक्र कर दिया गया। इसे भी हरे रिबन के साथ पहना जाता है, लेकिन केसरिया पट्टी दो होती हैं। यह भी शांति काल में दिया जाने वाला वीरता पदक है। 

3- शोर्य चक्र: शौर्य चक्र भारत का शांति के समय वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। वरीयता में यह कीर्ति चक्र के बाद आता है। इसका मेडल कांसे से बना होता है, जिसे हरे रंग की तीन खड़ी लाइनों द्वारा बराबर भागों में विभाजित फीते के साथ दिया जाता है। 

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