इस महीने सरहद पर नहीं चली एक भी गोली, पिछले 5-6 सालों में पहली बार आया ऐसा मौका- सेना प्रमुख

जनरल नरवणे (MM Naravane) के अनुसार, हमारा मूल मुद्दा यह है कि उन्हें आतंकवाद को रोकने का समर्थन करना होगा। जब तक वे इसे नहीं रोकेंगे‚ चीजें सामान्य नहीं हो सकतीं।

Army Chief MM Naravane

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे। (फाइल फोटो)

इंडियन आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (MM Naravane) ने बताया कि जम्मू कश्मीर में करीब पांच–छह वर्षों के दौरान पहली बार मार्च में सरहद पर शांति रही‚ क्योंकि इस महीने एक भी गोली नहीं चली। उन्होंने क्षेत्र में भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के संघर्ष विराम का पूरी तरह से पालन करने का हाल ही में वादा करने का जिक्र करते हुए यह बात कही।

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हालांकि‚ इंडियन आर्मी चीफ ने बताया कि पाकिस्तान की ओर आतंकवादी शिविर और आतंकी ढांचे अब भी बरकरार हैं। उन्होंने जोर देते हुए बताया कि यदि पड़ोसी देश आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता है तो चीजें सामान्य नहीं हो सकतीं।

इंडि़या इकोनॉमिक कॉनक्लेव में जनरल नरवणे (MM Naravane) ने बताया कि वह इस बारे में आशावादी थे कि संघर्ष विराम होगा‚ क्योंकि पाकिस्तानी सेना भी इसके लिए सहमत थी।

नरवणे (MM Naravane) के मुताबिक, मुझे यह बताते हुये गर्व महसूस हो रहा है कि पूरे मार्च महीने में‚ एक अकेली घटना को छोड़ कर सरहद पर एक भी गोली नहीं चली। करीब पांच–छह साल में यह पहला मौका है‚ जब एलओसी पर शांति रही।

गौरतलब है कि पिछले महीने भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं ने जम्मू कश्मीर में एलओसी पर 2003 के संघर्ष विराम समझौते का पालन करने की प्रतिबद्धता दोहराई थी।

जनरल नरवणे (MM Naravane) के अनुसार, हमारा मूल मुद्दा यह है कि उन्हें आतंकवाद को रोकने का समर्थन करना होगा। जब तक वे इसे नहीं रोकेंगे‚ चीजें सामान्य नहीं हो सकतीं।

यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान को अचानक ही संघर्ष विराम के लिए राजी करने में किस चीज ने प्रेरित किया होगा‚ जनरल नरवणे ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच अतीत में हुए युद्धों का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला और पाकिस्तान की अपनी खुद की आंतरिक समस्याएं हैं।

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