मोदी-शाह जोड़ी ने एक और विवाद को किया खत्म, बोडोलैंड के उग्रवादी करेंगे सरेंडर

गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने असम के खूंखार उग्रवादी समूहों में से एक नेशनल ड़ेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के साथ समझौते के लिए हस्ताक्षर किया। इसमें उसे राजनीतिक और आर्थिक फायदे दिए गए हैं लेकिन अलग राज्य या केंद्र शासित क्षेत्र की मांग पूरी नहीं की गई है।

Amit Shah

गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने असम के खूंखार उग्रवादी समूहों में से एक नेशनल ड़ेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के साथ समझौते के लिए हस्ताक्षर किया। इसमें उसे राजनीतिक और आर्थिक फायदे दिए गए हैं लेकिन अलग राज्य या केंद्र शासित क्षेत्र की मांग पूरी नहीं की गई है।

Amit Shah
Amit Shah signs historic Bodo peace accord

समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों में आल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) और यूनाइटेड बोडो पीपुल्स आर्गेनाइजेशन भी शामिल हैं। एबीएसयू 1972 से ही अलग बोडोलैंड राज्य की मांग के लिए आंदोलन चला रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की मौजूदगी में त्रिपक्षीय समझौते पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल‚ एनडीएफबी‚ एबीएसयू के चार धड़ों के शीर्ष नेता‚ गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येन्द्र गर्ग और असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्णा ने हस्ताक्षर किए।

गृह मंत्री (Amit Shah) ने समझौते को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया और कहा कि इससे बोडो लोगों की दशकों पुरानी समस्या का स्थायी समाधान होगा। उन्होंने कहा‚ ‘इस समझौते से बोड़ो क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास होगा और असम की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बगैर उनकी भाषा और संस्कृति का संरक्षण होगा।’

गृह मंत्री (Amit Shah) ने कहा कि बोडो उग्रवादियों की हिंसा में पिछले कुछ दशकों में चार हजार से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी। शाह ने कहा कि असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि समझौते के बाद राज्य में विभिन्न समुदाय सौहार्द के साथ रह सकेंगे। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि समझौते से बोडो मुद्दे का व्यापक समाधान होगा। उन्होंने कहा‚ ‘यह ऐतिहासिक समझौता है।’  

असम सरकार के कद्दावर मंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने कहा कि बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के वर्तमान ढांचे को और शक्तियां देकर मजबूत किया जाएगा तथा इसकी सीटों की संख्या 40 से बढ़ाकर 60 की जाएगी।

इतिहास में आज का दिन – 28 जनवरी

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझौता शांति‚ सद्भाव और एकजुटता की नई सुबह लेकर आएगा। जो लोग सशस्त्र संघर्ष समूहों से जुड़े हुए थे वह मुख्यधारा में शामिल होंगे।

समझौते के मुताबिक एनडीएफबी के 1550 उग्रवादी 30 जनवरी को हथियार छोड़ देंगे। अगले तीन वर्षों में 1500 करोड़ रुपए का आर्थिक कार्यक्रम लागू किया जाएगा जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों की 750-750 करोड़ रुपए की बराबर भागीदारी होगी।

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