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सबसे बड़ी चिंता यह है कि तालिबान (Taliban) के कब्जे में आए घातक हथियारों से वह आम नागरिकों की हत्या करेगा। यहां तक कि ये हथियार आईएसआईएस जैसे दूसरे आतंकी संगठनों तक पहुंच सकते हैं
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) का कब्जा हो गया है। 20 साल बाद सत्ता हाथ में आते ही तालिबानियों ने खूनी खेल शुरू कर दिया है। लोग तालिबान के डर से जान जोखिम में डालकर अफगानिस्तान से भाग रहे हैं। वहां कब्जा करने के बाद तालिबान के हाथ अमेरिकी हथियार लग गए हैं। जिससे यह आतंकी संगठन और मजबूत हो गया है।
अफगान सेना के छोड़े गए वाहनों और नए हथियार, संचार उपकरणों और यहां तक कि सैन्य ड्रोनों की कतार को देखते तालिबानी आतंकियों की वीडियो वायरल हो रही हैं। इन सबपर भी तालिबान ने कब्जा कर लिया है।
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बता दें कि सिर्फ एक महीने पहले ही अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर अमेरिका से काबुल पहुंचे 7 नए हेलिकॉप्टरों की तस्वीर साझा की थी। इसके कुछ हफ्ते बाद ही तालिबान (Taliban) ने न केवल पूरे मुल्क पर कब्जा कर लिया है बल्कि भागते समय अफगान सेना की तरफ से छोड़े गए हथियार भी उसके हाथ लग गए हैं।
सबसे बड़ी चिंता यह है कि तालिबान के कब्जे में आए घातक हथियारों से वह आम नागरिकों की हत्या करेगा। यहां तक कि ये हथियार आईएसआईएस जैसे दूसरे आतंकी संगठनों तक पहुंच सकते हैं और अमेरिका के ही खिलाफ उनका इस्तेमाल किया जा सकता है। इतना ही नहीं आतंकी संगठनों से इन हथियारों की तकनीक चीन और रूस सहित अमेरिका के अन्य विरोधियों के हाथ भी लग सकती है।
अमेरिकी सेना के खुफिया जानकारी के अनुसार, यूएस हमवी समेत 2000 सैन्य वाहन तालिबान के हाथ लगे हैं। कई घातक यूएच-60 ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर समेत 40 विमान उनके कब्जे में हैं, जिनमें स्काउट अटैक हेलिकॉप्टर और स्कैन ईगल मिलिट्री ड्रोन भी है।
अमेरिकी सैन्य अधिकारियों का कहना है कि ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर अफगान सेना को तालिबान पर बहुत बड़ी सामरिक बढ़त दिलाता था, लेकिन उसका अफगान सेना सही इस्तेमाल ही नहीं कर सकी। सबसे ज्यादा चिंता तालिबान (Taliban) के हाथ लगे नाइट-विजन गॉगल्स और कम्युनिकेशंस उपकरण हैं।
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अमेरिका ने अफगान सेना को 2003 से 16000 नाइट-विजन गॉगल्स और 162,000 संचार उपकरण दिए थे। अब इनमें से अधिकतर तालिबान के कब्जे में हैं। इसके अलावा, अमेरिका की तरफ से अफगान बलों को दिए गए 6 लाख इंफेंट्री हथियार, जिनमें घातक एम16 असॉल्ट राइफल भी शामिल है, ये भी अब तालिबान के कब्जे में हैं। इन सब हथियारों की मदद से तालिबानी अफानिस्तान ही नहीं अन्य देशों को भी निशाना बना सकते हैं।
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