अमेरिका ने रोकी WHO की फंडिंग, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा- ‘यह संसाधनों को कम करने का वक्‍त नहीं है’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 14 अप्रैल को फंडिंग रोकने का ऐलान कर दिया।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 14 अप्रैल को फंडिंग रोकने का ऐलान कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ऐलान किया कि WHO ने कोरोना (COVID-19) महामारी को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती, उसकी ओर से ऐसे कदम उठाए गए जिसने चीन की मदद की। अमेरिका सबसे अधिक फंडिंग करता है, फिर भी उसके साथ इस प्रकार का व्यवहार किया गया।

ट्रंप (Donald Trump) ने कहा कि WHO ने चीन में फैले कोविड-19 (COVID-19) की गंभीरता को छिपाया और बाद में यह पूरी दुनिया में फैल गया। ट्रंप (Donald Trump) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह अपने प्रशासन को फंडिंग रोकने का आदेश दे रहे हैं। ट्रंप के अनुसार, यूएन (UN) की इस संस्था को सबसे ज्यादा फंड देने वाला अमेरिका अब इस पर विचार करेगा कि उस पैसे का क्या किया जाए जो संगठन को जाता है। दरअसल, अमेरिका (America) में लगातार हो रही मौतों को न रोक पाने के कारण ट्रंप की भी आलोचना हो रही है।

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राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) के इस ऐलान के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने 14 अप्रैल को कहा कि कोरोना (Corona Virus) महामारी के खिलाफ लड़ाई में विश्व स्वास्थ्य संगठन या किसी अन्य मानवीय संगठन के संचालन के लिए संसाधनों को कम करने का वक्‍त नहीं है। उन्‍होंने कहा कि यह मेरा विश्वास है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का समर्थन किया जाना चाहिए, क्योंकि यह COVID-19 के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए दुनिया के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण है।

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इससे पहले, डब्ल्यूएचओ (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा था कि कोविड-19 के मामले में राजनीतिक रंग देने से केवल मौत के आंकड़े ही बढ़ेंगे। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दुनियाभर में स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर कामकाज करता है, इस दौरान पूरे साल कुछ ना कुछ प्रोग्राम चलते रहते हैं। इसी के लिए हर देश अपनी ओर से WHO में इन्वेस्ट करता है, जिसमें एक लंबे वक्त से अमेरिका सबसे बड़ा फंड देने वाला देश है।

अमेरिका ने पिछले साल WHO में 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी जो कि WHO के कुल बजट का 15 फीसदी है। अब अगर अमेरिका ये फंडिंग रोक देता है, तो डब्ल्यूएचओ को बड़ा झटका लगेगा, जिसकी पुष्टि खुद संगठन ने की है। अमेरिका के फैसले के इस बाद WHO ने कहा कि ऐसा फैसला लेने का ये सही वक्त नहीं था।

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