
डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवार जो बिडेन और रिपब्लिकन पार्टी से डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी चुनावों (America Election) के बीच 2 दिन पहले ही अमेरिका की संसद में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में चीन को जमकर खरी खोटी सुनाई गई थी।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी युद्ध (America Election) का बिगुल फूंका जा चुका है। अभी तक दुनिया केवल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विचारों को सुनते हुए आ रही थी लेकिन अब डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन भी खुलकर अपने विचारों को दुनिया के सामने रख रहे हैं।
हैरानी की बात ये है कि जो बिडेन अमेरिकी चुनावों (America Election) के दौरान अपने भाषणों में भारत के लिए खासा प्रेम दिखा रहे हैं और चीन को आड़े हाथ ले रहे हैं। अभी तक ट्रंप चीन को आंख दिखाते थे, लेकिन अब जो बिडेन ने भी चीन की बखिया उधेड़ने की पूरी तैयारी कर ली है।
जो बिडेन ने अपने भाषण में कहा है कि अगर वह राष्ट्रपति पद का चुनाव जीते तो वह भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को मजबूत करेंगे और अमेरिका हमेशा भारत के साथ खड़ा रहेगा।
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बिडेन का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और चीन के बीच में सीमा विवाद चल रहा है और दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल है। बिडेन का बयान इस ओर इशारा करता है कि अगर वह जीते तो चीन के खिलाफ भी वह भारत का साथ देंगे।
बता दें कि 2 दिन पहले ही अमेरिका की संसद में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में चीन को जमकर खरी खोटी सुनाई गई थी।
चीन के खिलाफ और भारत के पक्ष में क्यों अमेरिका?
पूरी दुनिया जानती है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान से फैला है। आज इस वायरस की वजह से दुनियाभर में लोग खौफ में जी रहे हैं। इस महामारी की वजह से अमेरिका को भी बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। यहां कोरोना के कुल मामले 5,566,632 हैं, जिसमें 173,128 की मौत हो चुकी है। कोरोना की वजह से अमेरिका की इकोनॉमी पर भी बहुत असर पड़ा है।
चूंकि अमेरिका में चुनाव हैं और अमेरिकी जनता के मन में चीन के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ है। ऐसे में राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीतने के लिए जनता को यह जताना जरूरी है कि जो भी नया राष्ट्रपति आएगा, वह चीन को जरूर सबक सिखाएगा।
यही वजह है कि ट्रंप और बिडेन चुनाव प्रचार के दौरान चीन के खिलाफ माहौल बनाए हुए हैं। चीन पर बयानबाजी और भारत को प्यार जताने की एक और वजह ये है कि अमेरिका में करीब 41 लाख भारतीय मूल के अमेरिकी रहते हैं, जिनमें 44 फीसदी वोट डालने का अधिकार रखते हैं।
ऐसे में चीन के खिलाफ बयानबाजी करके ट्रंप और जो बिडेन भारतीय मूल के अमेरिकी वोटर्स को भी लुभाना चाहते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2020 के अमेरिकी चुनाव में करीब 15 लाख के आस-पास भारतीय मूल के वोट पड़ेंगे। ऐसे में ये एक बड़ा वोट बैंक है।
ट्रंप सरकार तो पहले ही चीन के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। अमेरिका के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री भी चीन के खिलाफ कई बार बयान दे चुके हैं। ऐसे में ये बात तो तय है कि चीन के लिए प्यार जताकर तो अमेरिका का चुनाव नहीं जीता जा सकता। इसलिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारत के लिए प्यार और चीन के लिए दुत्कार की नीति अपना रहे हैं।
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