पुलवामा हमले के बाद आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह घिरा पाकिस्तान

पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह घिर गया है।दोनों देशों के बीच पैदा हुए हालिया तनाव का बड़ा असर कारोबार पर ही पड़ता दिख रहा है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर मुल्क पाकिस्तान का भारी नुकसान हो रहा है।

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पुलवामा में हुये आंतकी हमले (Pulwama Attack) के बाद भारत ने अपनी तरफ से सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान से व्यापार में ‘मोस्ट फ़ेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस ले लिया है। भारत के इस कदम ने पड़ोसी देश से आने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है। ज्ञात रहे भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था। लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था।

भारत की तरफ से की गई आर्थिक घेराबंदी की वजह से पाकिस्तान का ज़बरदस्त आर्थिक नुकसान हो रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच कुल व्यापार 2016-17 में 2.27 अरब डॉलर था, 2017-18 में 2.41 अरब डॉलर था। भारत ने 2017-18 में 48.8 करोड़ डॉलर का आयात किया था और 1.92 अरब डॉलर का निर्यात किया था।

भारत मुख्य रूप से कपास, डाई, चीनी, चाय, रसायन, सब्जी, लौह और इस्पात का निर्यात पाकिस्तान से करता है। जबकि फल, सीमेंट, चिकित्सा उपकरण, समुद्री सामान, प्लास्टिक, डाई, खेल का सामान, चमड़ा, रसायन और मसालों का आयात करता है।

पुलवामा आतंकी हमले के कारण भारत ने पाकिस्तान से आने वाले हर सामान पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया है। जिससे आयात पर एक तरह से रोक लग गई है। कस्टम ड्यूटी के इतना बढ़ जाने के बाद पाकिस्तान से भारत का कोई व्यापारी माल मंगवाने से बच रहा है। दोनों देशों के बीच मुंबई और कराची के समुद्री रास्ते से व्यापार होता है। पंजाब में बाघा बॉर्डर, कश्मीर में पुंछ एवं उरी में सलामाबाद के रास्ते सड़क मार्ग से व्यापार होता रहा है। मगर आज ये सब रूट्स कारोबार के लिए बंद हो गए हैं।

भारत से पाकिस्तान जाने वाले सामान की सप्लाई धीरे-धीरे बंद होती जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान से माल मंगाने के नए ऑर्डर लगातार बंद हो रहे हैं। भारत के इस ठोस कदम से पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह घिर गया है।दोनों देशों के बीच पैदा हुए हालिया तनाव का बड़ा असर कारोबार पर ही पड़ता दिख रहा है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर मुल्क पाकिस्तान का भारी नुकसान हो रहा है।

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