अफगानिस्तान में तालिबान शासन की एक और क्रूरता, पूर्व राष्ट्रपति के बनवाये विश्व प्रसिद्ध ‘गजनी गेट’ को तुड़वाया

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के खौफ से उद्योग धंधे और बैंक बंद पड़े हैं। रोजगार खत्म हो रहे हैं। दैनिक उपभोग से जुड़ी वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों से लोगों के सामने भूखमरी जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं।

Afghanistan Demolition of Ghazni Gate

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के लड़ाकों का हमला लगातार जारी है। तालिबानी आक्रांताओं ने विश्व प्रसिद्ध ‘गजनी गेट’ को क्रेन की मदद से तोड़ दिया है। यह गेट इस्लामिक परंपरा और संस्कृति का प्रतीक था, लेकिन तालिबानियों को यह रास नहीं आया। गजनी प्रांत के गेट को तोड़ने का वीडियो अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस गेट को पिछली अशरफ गनी सरकार ने बनाया था। ये गेट इस्लामी साम्राज्य की स्थापना की याद में बनाया गया था।

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गौरतलब है कि इससे पहले तालिबानी लड़ाकों ने बामियान में हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की मूर्ति को भी तोड़ दिया था। बामियान वही जगह है। जहां तालिबान ने 2001 में अपने तत्कालीन नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के आदेश पर बुद्ध की मूर्तियों को उड़ा दिया था। अब्दुल अली मजारी अफगानिस्तान (Afghanistan) के हजारा अल्पसंख्यक, शियाओं के लिए एक प्रसिद्ध नेता थे। मजारी की 1996 में तालिबान आतंकियों ने ही खौफनाक तरीके से हत्या करने के बाद उनका शव गजनी में हेलिकॉप्टर से नीचे फेंक दिया था।

मौजूदा समय में अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के खौफ से उद्योग धंधे और बैंक बंद पड़े हैं। रोजगार खत्म हो रहे हैं। दैनिक उपभोग से जुड़ी वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों से लोगों के सामने भूखमरी जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं। बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। कई लोग कहीं नहीं जा सकते। ऐसे लोगों को दो जून की रोटी और दवा जुटाना मुश्किल हो गया है। लोगों का कहना है कि तालिबान को आये हुये सप्ताह भर ही हुआ है, लेकिन इतने दिनों में ही हालात बद से बदतर हो गये हैं।

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