अफगानिस्तान में बिगड़ रहे हालात, भारत ने कंधार दूतावास से अपने कर्मचारियों को वापस बुलाया

अफगानिस्‍तान (Afghanistan) से अमेरिकी सेनाओं के जाने के बाद से यहां के हालात बदतर होते जा रहे हैं। तालिबान ने कई इलाकों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। तालिबानी हमला तेज होता जा रहा है।

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अफगानिस्तान (Afghanistan) के कंधार (Kandahar) में भारतीय वाणिज्य दूतावास (consulate) में काम कर रहे कर्मचारियों को सुरक्षा के मद्देनजर वापस बुला लिया गया है।

अफगानिस्‍तान (Afghanistan) से अमेरिकी सेनाओं के जाने के बाद से यहां के हालात बदतर होते जा रहे हैं। तालिबान (Taliban) ने कई इलाकों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। तालिबानी हमला तेज होता जा रहा है। भारत (India) ने अफगानिस्तान में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति और कंधार (Kandahar) के आसपास के नए इलाकों पर तालिबान के कब्जे के मद्देनजर इस दक्षिणी अफगान शहर में अपने वाणिज्य दूतावास से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को वापस बुला लिया है।

भारत ने कहा है कि अफगानिस्तान के कंधार में अपने वाणिज्य दूतावास (consulate) में काम कर रहे कर्मचारियों को लड़ाई के चलते वापस बुला लिया गया है। भारत सरकार की ओर से बताया गया कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस कर्मियों के एक समूह समेत भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों और अन्य कर्मियों को स्वदेश लाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान को 10 जुलाई को भेजा गया था।

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भारत ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारत महावाणिज्य दूतावास को बंद नहीं किया गया है। वहां स्‍थानीय कर्मचारी काम करते रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने अफगानिस्तान के 120 से अधिक जिलों में कब्जा कर लिया है। कुछ अमेरिकी अनुमानों में कहा गया है कि तालिबानी एक साल में अफगानिस्तान में कब्जा कर सकते हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की सुरक्षा पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। हमारे लिए अपने कर्मचारियों की सुरक्षा करना सबसे पहले है।

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उन्होंने आगे कहा कि भारत के महावाणिज्य दूतावास को बंद नहीं किया गया है। हालांकि, कंधार शहर के पास भीषण लड़ाई के चलते भारतीय कर्मचारियों को कुछ समय के लिए वापस बुला लिया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि यह अस्थाई उपाय है। स्थानीय कर्मचारी वहां काम करते रहेंगे। अरिंदम ने आगे कहा कि काबुल में हमारे दूतावास के जरिए वीजा और कांसुलर सर्विस बनाए रखने के लिए व्यवस्था की जा रही है।

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