
सांकेतिक तस्वीर
अमेरिका और इजराइल ने इस साल ईरान में अल-कायदा (Al Qaeda) के एक आतंकवादी का पता लगाने और उसे मारने के लिए मिलकर काम किया था।
भारत समेत पूरी दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान जारी है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। आतंकी संगठन अलकायदा (Al Qaeda) में दूसरे नंबर का आतंकी माने जाने वाला अबू मोहम्मद अल-मसरी मारा जा चुका है और इस मिशन को अमेरिका और इजरायल ने मिलकर अंजाम दिया।
खबर मिली है कि अमेरिका और इजरायल ने इस साल ईरान में इस आतंकी का पता लगाने और मारने के लिए एक साथ काम किया था। दोनों देशों ने मिलकर ये खुफिया अभियान चलाया था।
अमेरिका और इजराइल ने इस साल ईरान में अल-कायदा (Al Qaeda) के एक आतंकवादी का पता लगाने और उसे मारने के लिए मिलकर काम किया था। दोनों सहयोगी देशों ने यह बड़ा खुफिया अभियान ऐसे समय में चलाया जब ट्रंप प्रशासन तेहरान पर दबाव बढ़ा रहा था।
अमेरिका के 4 पूर्व और वर्तमान अधिकारियों ने ये जानकारी दी है। इन अधिकारियों ने बताया है कि इस आतंकी (अबू मोहम्मद अल-मसरी) को ईरान की राजधानी में अगस्त में मार गिराया गया था।
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अधिकारियों के मुताबिक, अमेरिका ने इजरायल के अधिकारियों को जानकारी दी थी कि ये आतंकी कहां मिल सकता है। इसके बाद इजरायली एजेंटों ने इस मिशन को अंजाम दिया।
आतंकी अबू मोहम्मद अल-मसरी तेहरान में 7 अगस्त को मारा गया था। माना जाता है कि वो 1998 में 7 अगस्त के दिन ही नैरोबी, कीनिया, दार अस सलाम और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों में हुए बम हमलों की साजिश में शामिल था और एफबीआई उसे काफी समय से तलाश रही थी।
जानकारों का कहना है कि इस आतंकी के मारे जाने से आतंकी संगठन अलकायदा को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि अलकायदा वही आतंकी संगठन है, जिसने 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हमले किए थे।
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