जम्मू कश्मीर में हिमस्खलन (Snow Avalanche) की दो अलग-अलग घटनाओं में सेना के 4 जवान शहीद हो गए जबकि 5 नागरिकों की मौत हो गई है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को नियंत्रण रेखा पर माचिल सेक्टर में सेना की एक चौकी हिमस्खलन (Snow Avalanche) की चपेट में आ गई, जिससे 4 जवान शहीद हो गए जबकि एक घायल हो गया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि हिमस्खलन (Snow Avalanche) में कुल 5 सैनिक फंस गए थे। सेना ने बचाव अभियान चलाया और चार सैनिकों का पता लगा लिया। उनमें से चार मृत घोषित कर दिया और घायल जवान का एक स्थानीय सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने बताया कि गंदेरवल जिले में गगनगीर इलाके के एक गांव में एक अन्य हिमस्खलन (Snow Avalanche) हुआ, जिसमें पांच नागरिकों की मौत हो गई जबकि चार अन्य को बचा लिया गया।
सामने से बर्फ का पहाड़ आ रहा था और अग्रिम पोस्ट पर तैनात भारतीय सेना के जवान जान की परवाह न करते हुए ड्यूटी पर डटे थे। उनके पास 40 50 मीटर तक ही इधर उधर जाने का मौका था। यदि जान बचाने को दूर जाते तो ताक में बैठा दुश्मन घुसपैठ कर सकता था। उन्हें भरोसा था कि बर्फ के नीचे दब गए तो उन्हें बचाने के लिए साथ ही जवान आ जाएंगे। इसी विश्वास के साथ चौकियों पर डटे 200 जवानों को तो बचा लिया गया, लेकिन चार जवान मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गए।
पिछले 48 घंटों में उत्तरी कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में औसत से अप्रत्याशित तौर पर ज्यादा बर्फबारी हुई है। गुरेज सेक्टर में 51 सेंटीमीटर, माछिल में 117, केरन और तंगधार सेक्टर में 56 सेंटीमीटर, नौगांव सेक्टर में 112 सेंटीमीटर और उरी व गुलमर्ग सेक्टर में 61 सेंटीमीटर बर्फ पड़ी है। इसके कारण क्षेत्र में अब तक का सबसे कम शून्य से 57 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।
इतिहास में आज का दिन – 15 जनवरी
सेना के सूत्रों के अनुसार, अग्रिम पोस्टों के आसपास बर्फ के 32 पहाड़ हिमनद बनकर इसके। कंजालवन के गुरेज क्षेत्र में 200 से अधिक सैन्य कर्मी तैनात थे। हिमस्खलन (Snow Avalanche) आते देख सेना ने अपने जवानों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचा दिया था। लेकिन माछिल सेक्टर में आए हिमस्खलन (Snow Avalanche) में 5 सैनिक बर्फ के नीचे दब गए। बचाव कार्य के दौरान चार सैनिकों को निकाल लिया गया, इनमें से तीन की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। जबकि एक सैनिक लापता है जिसको बाद में बरामद कर लिया गया। सेना ने बर्फ में फंसे बीएसएफ के 4 जवानों को भी बचाया था, लेकिन हार्ट अटैक के कारण एक जवान की मौत हो गई। सेना के सूत्रों का कहना है कि विकट परिस्थितियों में जवान अपनी पोस्ट नहीं छोड़ सकता। उसे पता है कि मौत सामने है लेकिन वह अपनी ड्यूटी पर रहता है। क्योंकि दुश्मन घुसपैठ करने और चौकी पर कब्जा करने की फिराक में रहता है।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App