देश के 25 हजार गांवों का मोबाइल और इंटरनेट से नहीं है कोई नाता, नक्सली इलाकों में समस्या ज्यादा

देश के कई राज्यों में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। इस विचारधारा से ग्रसित समाज का विकास भी नहीं हो पा रहा है। देश के कई इलाके विकास से अछूते हैं।

Naxal Area

फाइल फोटो।

ताजा खबर ये सामने आई है कि देश के 25 हजार से ज्यादा गांव ऐसे हैं, जहां के लिए मोबाइल और इंटरनेट एक सपने जैसा है। इन गांवों में नक्सली (Naxalites) इलाकों की संख्या सबसे ज्यादा है।

नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में नक्सलवाद (Naxalites) एक बड़ी समस्या है। इस विचारधारा से ग्रसित समाज का विकास भी नहीं हो पा रहा है। आजादी के इतने सालों के बाद भी देश के कई इलाके ऐसे हैं, जहां मूलभूत जरूरतें भी पूरी नहीं हो पाती हैं।

ताजा खबर ये सामने आई है कि देश के 25 हजार से ज्यादा गांव ऐसे हैं, जहां के लिए मोबाइल और इंटरनेट एक सपने जैसा है। इन गांवों में नक्सली (Naxalites) इलाकों की संख्या सबसे ज्यादा है। मिली जानकारी के मुताबिक, इनमें से 11 हजार से ज्यादा गांव वामपंथ, चरमपंथ और नक्सलवाद से प्रभावित हैं।

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देश के करीब 11 राज्यों में 90 जिलों के अंदर वामपंथ और चरमपंथ है, इनमें करीब 11 हजार ऐसे गांव हैं, जिनका मोबाइल या इंटरनेट से कोई लेना-देना नहीं है।

अरुणाचल प्रदेश के तो 73 फीसदी गांव ऐसे हैं, जो मोबाइल और इंटरनेट से अछूते हैं। संचार मंत्रालय द्वारा संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक, मोबाइल और इंटरनेट से अछूते और चरमपंथ से प्रभावित गांवों में सबसे ज्यादा ओडिशा के गांव हैं, इन गांवों की संख्या 6099 है। इसके बाद मध्य प्रदेश के 2612 गांव और महाराष्ट्र के 2328 गांव मोबाइल और इंटरनेट से कोसों दूर हैं।

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