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झारखंड (Jharkhand) में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी का नक्सलियों (Naxals) से कनेक्शन सामने आया है। एनआईए (NIA) ने कंपनी के एक कर्मचारी का नक्सलियों के साथ संबंध होने के खुलासे के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है।

झारखंड (Jharkhand) के लोहरदगा (Lohardaga) में लंबे अरसे तक खामोश रहने के बाद नक्सलियों (Naxals) ने एक बार फिर तांडव मचाया है। नक्सलियों ने बॉक्साइट खनन के काम में लगे 11 भारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

राजकपूर (Raj Kapoor) आखिरी बार लोगों के बीच तब आए जब उन्हें उनकी ताउम्र कामयाबी के लिए 'दादा साहेब फालके अवार्ड' से सम्मानित किया गया। राज कपूर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से सीधे सिरी फोर्ट आडिटोरियम लाया गया था और राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन मंच से उतरकर राज कपूर का हाथ पकड़कर उन्हें मंच पर ले गए ।

अमेरिका का राष्ट्रपति अपने नागरिकों का रोष ठंडा करने के लिए शांति और सहानुभूति की बातें करने की बजाय गोलियों से उड़ाने की ऐसी धमकियां दे जिनमें नस्लवादी ज़माने के भड़काऊ नारों की गूंज सुनाई देती हो, तो वह संयोग की बात नहीं हो सकती।

वीर सावरकर (Veer Savarkar) को ब्रिटिश सरकार विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। समुन्द्र के रास्ते उन्हें भारत लाया जा रहा था। वीर सावरकर का साहस था कि वो समुंद्र में कूद कर भाग निकले।

Coronavirus: दिल्ली हवाईअड्ड़े पर सोमवार को करीब 380 विमानों का संचालन होगा। करीब 190 विमान रवाना होंगे और करीब 190 विमान यहां उतरेंगे। इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि रेड जोन में हवाईअड्डे खोलने की सलाह अत्यंत नासमझी वाली है। केवल यात्रियों की थर्मल जांच करना और लार के नमूने नहीं लेना अपर्याप्त होगा।

पिछले हफ़्ते की घटनाओं पर नज़र डालें तो दुनिया में कुछ-कुछ वैसा ही होता नज़र आ रहा है। अमेरिका की ट्रंप सरकार ने ऐसी हवा बांधने की कोशिशें शुरू कर दी हैं कि जैसे कोविड-19 के वायरस को चीन ने अपनी किसी प्रयोगशाला में एक हथियार की तरह तैयार करके दुनिया पर छोड़ दिया हो।

राजा राममोहन राय (Raja Ram Mohan Roy) ने जो महत्त्वपूर्ण कार्य किया, वह था सती प्रथा को समाप्त करवाना। जब वह छोटे थे तभी उनके बड़े भाई की मृत्यु हो गई। उन दिनों विवाह भी आयु में हो जाते थे और पति की मृत्यु के बाद पत्नी सती हो जाती थी

भारत ने आज के ही दिन 2016 में स्वदेशी आरएलवी (RLV-TD) यानी पुन: प्रयोग किए जा सकने वाले प्रक्षेपण यान...

एक से दो करोड़ प्रवासी मज़दूरों की बात भी कर लें तो 10 से 20 हज़ार करोड़ रुपए महीने के ख़र्च पर इन्हें सड़कों पर ठोकरें खाने और अपने साथ वायरस को फैलाने से बचाया जा सकता था। 200 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था में क्या एक-दो महीने एक-दो करोड़ बदहाल लोगों का गुज़र चलाने के लिए अर्थव्यवस्था के एक हज़ारवें हिस्से की गुंजाइश भी नहीं थी?

हिजबुल के हमजोली रहे दाऊद (Dawood Ibrahim) ने अब भारत के खिलाफ लश्कर (Lashkar-e-Taiba)  से हाथ मिला लिया है। ऐसा करके उसने पाकिस्तान में रहकर अपने आपको महफूज कर लिया है। आईएसआई (ISI) के सहयोग से आतंकी डॉन अब भारत में वर्ष 2008 में हुए मुंबई जैसे बड़े हमले की साजिश रच रहा है।

मंटो (Saadat Hasan Manto) ने जो कुछ भी लिखा, जितना भी लिखा, वास्तविकता के बहुत करीब होकर लिखा। मंटो ने सच्चाई से कभी गुरेज नहीं किया। अपनी मौत से एक साल पहले उन्होंने अपनी कब्र पर लिखी जाने लिए जो इबारत लिखी, वह दर्द भरी होते हुए भी बड़ी प्यारी इबारत थी।

एफएओ खाद्य वस्तुओं की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों पर नजर रखता है। एफएओ का कहना है कि लगातार तीसरी बार कीमतों में गिरावट आई है। क्योंकि कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण आर्थिक और तार्किक कारणों से वस्तुओं की मांग में भी भारी कमी आई है। विश्व भर में खाद्य वस्तुओं की कीमत अप्रैल में औसतन 165.5 अंक रही जो पिछले महीने की तुलना में 3.4 फीसदी कम और अप्रैल 2019 की तुलना में तीन फीसदी नीचे है।

हिज्बुल मुजाहिदीन के दो बड़े चेहरे डॉ. सैफुल्ला मीर व जुनैद सहरई के अलावा अंसार गजवा कुल हिंद का आतंकी कमांडर खालिद इब्राहिम‚ लश्कर–ए–तय्यबा का आतंकी कमांडर सलीम परे तथा अल बदर का आतंकी कमांडर जावेद मट्टू समेत कई आतंकी कमांडर ऑपरेशन जैक बूट (Operation Jackboot) के तहत रडार पर हैं।

कोविड-19 जैसी महामारियों की रोकथाम करनी है तो हमें अपनी मांस खाने और उसके लिए जानवरों को पालने की प्रक्रिया में आमूलचूल बदलाव लाना होगा। मछली बाज़ारों में काम करने वाले और फ़ैक्टरी फ़ार्म चलाने वाले लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं।

प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने कहा कि आज दुनिया बदल गई है लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश नही बदला है। बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं। वह हर किसी को मानवता के तहत मदद करने का संदेश देते हैं।

सन् 1915 में ही अंग्रेज सरकार ने रवींद्रनाथ को 'सर' की उपाधि से विभूषित किया। इसके बाद उन्होंने 'घर-बाहर ', 'माली', 'बालक' आदि कई पुस्तकें लिखीं। सन् 1916 में रबींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने 'राष्ट्रीयता' और अमेरिका में 'व्यक्तित्व' विषय पर प्रभावोत्पादक व्याख्यान दिए।

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