पुलवामा शहीदों के बच्चों की जिम्मेदारी लेने के लिए आगे आया रिलायंस फाउंडेशन
रिलायंस फाउंडेशन ने भी पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनके बच्चों की पढ़ाई और नौकरी की पूरी जिम्मेदारी लेने की घोषणा की है।
Sudhakaran surrender: beginning of the end of Naxal movement?
Dreaded Naxal and someone who was on the most wanted list of security forces for nearly three decades Sudhakaran alias...
Naxal loss has been environment’s gain
In a world where nothing should take one by surprise it is still rare to find a combination of red terror and environment related activism. But then life throws up its share of surprises!
सवा करोड़ के इनामी नक्सली कपल सुधाकरण और नीलिमा ने डाले हथियार, नक्सलियों को बड़ा झटका
नए मुखिया के कमान संभालने के बाद नक्सली संगठन में सीनियर नक्सलियों का कद घटता जा रहा है। यही फूट की वजह बन रहा है।
13 लाख के इनामी नक्सल कपल ने किया सरेंडर, संभालते थे नक्सलियों का अर्बन नेटवर्क
सालों तक खून-खराबा किया। कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा। एक तरफ, जहां हर वारदात के साथ नक्सल संगठन में उसका कद बढ़ता जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ उसके दिल में वापसी की इच्छा भी हिलोरें ले रही थी।
Bloody Bollywood blockbuster has a happy ending
His life story follows the script of a Bollywood blockbuster; all necessary ingredients –violence, revenge, pathos, tragedy and finally a happy ending –are all there. So is drama, action and romance!
इस पूर्व नक्सली ने पेरियार नदी को बचाने के लिए अपनी ज़िंदगी खपा दी, बन गया रिवर वॉरियर
कुछ दशक पहले जो एक नक्सलवादी था आज वह रिवर-वॉरियर है। इस नदी को बचाने की खातिर इन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी लगा दी।
इश्क से मात खा रहा नक्सलवाद, हिंसा के सौदागरों में मची खलबली
बंदूक और आतंक के सहारे सत्ता परिवर्तन का ख़्वाब देखने वाले नक्सली भी देर-सबेर प्यार में पड़ ही जाते हैं। कुछ का प्रेम परवान चढ़ता है, कुछ पुलिस की गिरफ्त में जा फसंते हैं या गोलियों का शिकार हो जाते हैं तो कुछ लोग संगठन को ही हमेशा के लिए अलविदा कह देते हैं।
शोषण, बगावत, इश्क, अदावत… एकदम फिल्मी है इस खूंखार नक्सली की कहानी
मुंबई में वेटर की नौकरी के दौरान शोषण से तंग आकर नक्सली बना। एक महिला नक्सली से प्रेम विवाह किया। हिंसा से इतनी मोहब्बत हो गई कि उसके लिए अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। फिर खुद नक्सलियों के शोषण से आजिज आकर 25 लाख रुपए के इस वांटेड नक्सली ने सरेंडर कर दिया।
जब मुंबई में दौड़े नक्सल प्रभावित इलाकों के युवा, लोग देखते रह गए
Mumbai Marathon: 20 जनवरी को मुंबई में मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। वैसे तो 2004 से हर साल जनवरी...
हॉकी वर्ल्ड कप के मैच में मुख्यमंत्री के साथ चीयर करते इन पूर्व नक्सलियों को देख कर आपको हैरत होगी
30 पूर्व नक्सलियों ने क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ स्टेडियम में देखा मैच। इनको देख कर कोई कह सकता है कि इन हाथों में पहले हथियार हुआ करते थे?
नक्सली रह चुकी इस महिला की कहानी उन लोगों के लिए सीख है जो हथियार उठाने के लिए बेताब हैं
"नक्सली संगठन में हमें इंसानों को निशाना बनाने के लिए सिखाया गया था। पर यहां सब-कुछ बहुत अलग है। यहां किसी भी निर्दोष को निशाना नहीं बनाया जाता। यहां बच निकलने या भागने के लिए नहीं सिखाया जाता, बल्कि सामना करने के लिए सिखाया जाता है।"
महिला नक्सलियों के साथ रेप, मारपीट और पत्नियों की अदला-बदली आम, एक पूर्व महिला नक्सली की आपबीती
साथी कमांडर्स ने सात साल तक मेरे साथ रेप किया। यह तब हुआ जब मैं 25-30 सशस्त्र नक्सलियों की कमांडर थी। नक्सलियों के बीच पत्नियों की अदला-बदली, साथी महिला नक्सलियों को मारना-पीटना और रेप करना बेहद आम है।
देश सेवा सिर्फ सरहद पर जाकर ही नहीं होती, यकीन नहीं तो रायपुर के दूबे जी से मिल लीजिए
रायपुर (छत्तीसगढ़) के मनीष दूबे सेना में जाना चाहते थे। वह सेना में तो नहीं जा सके पर सैनिकों और सेना के प्रति प्रेम और सम्मान प्रदर्शित करने के लिए उन्होंने एक अनोखा रास्ता खोज निकाला। उन्होंने रायपुर में एक रेस्टोरेंट खोला, जिसमें जवानों और उनके परिवार के सदस्यों को किफायती दर पर भोजन मिलता है।
कभी पहचान थी नक्सली की, आज हैं बच्चों के फेवरेट साइंस टीचर
करीब 71 साल के कुंडू इस बात में विश्वास रखते हैं कि विज्ञान की शिक्षा ही वह रास्ता है, जो इन गरीब बच्चों के लिए सुनहरे भविष्य के रास्ते खोल सकती है।
जिस खाकी वर्दी को देख कर उठा लेता था हथियार, आज उसी वर्दी को सिल कर करता है गुजारा
दो साल पहले तक वह एक खूंखार नक्सली था, जिसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था। माओवादियों के दल में ऊंची रैंक पर था और उनकी विशेष-समिति का सदस्य भी था। पर अब अपनी गलतियों का प्रायश्चित करने के लिए सिलता है पुलिस की वर्दी।
बस्तर में बेटियों के सपनों को लगने लगे पर
एक तो हमारे समाज में शिक्षकों का दर्जा ऐसे ही भगवान से भी ऊंचा माना जाता है। इनका कर्म और धर्म ही है अज्ञान के अंधेरे को ज्ञान के आलोक से प्रकाशित करना। पर, मुश्किल हालात में, जान हथेली पर लेकर अपने छात्रों को शिक्षा और सुरक्षा दोनों मुहैया कराने वाले शिक्षक विरले ही मिलते हैं।