Govt presses ahead with Skill development & vocational initiatives in Naxal areas
For the holistic development of Left Wing Extremist (LWE) affected areas, various schemes are being implemented by the line ministries and departments. Some of the major development initiatives are being undertaken in the areas of skill development.
झारखंड: 17 किलोमीटर साइकिल चला पढ़ने जाती हैं लड़कियां, भविष्य संवारने के लिए ‘लाल आंतक’ को दिया करारा जवाब
इस गांव के स्कूल में आठवीं तक की पढ़ाई होती है। इसके आगे की पढ़ाई के लिए लड़कियों को 17 किमी दूर लातेहार जिला मुख्यालय आना पड़ता है।
छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब ‘ऊर्जा मित्र’ निपटेंगे बिजली की समस्या से
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नक्सल प्रभावित सातों जिलों के प्रत्येक गांव के सरपंच और पंचों को ऊर्जा मित्र की जिम्मेदारी दी जाएगी। कारण ये है कि वे गांवों में अधिक सक्रिय रहते हैं। ये बिजली संबंधी किसी भी समस्या की जानकारी तुरंत जिम्मेदार अधिकारियों को देंगे।
पुलिस की इस पहल को सलाम, नक्सल प्रभावित इलाके के बच्चों के लिए कर रहे हैं ये काम
इन क्षेत्रों मे तैनात पुलिस बलों को किन कठिन परिस्थितियों में रहना पड़ता है, कहने की जरूरत नहीं है। आए दिन हमारे जवान इन इलाकों में नक्सलियों की हिंसा का शिकार होते हैं। लेकिन इन सब मुश्किलों से जूझते हुए भी वे अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम देते हैं।
सुरक्षाबलों की शानदार पहल, अब संवरेगा इलाके के बच्चों का भविष्य
गांव वालों की बात सुनकर जवानों ने उस स्कूल को फिर से खोलने की योजना बनाई। उन्होंने 2016 से बंद प्राथमिक स्कूल को दोबारा खुलवाया। स्कूल खुलने पर एसपी डॉ. लाल उमेद सिंह और जवानों ने बच्चों को किताबें और यूनिफॉर्म बांटी।
बच्चों की जिंदगी संवारने की पहल, झारखंड पुलिस ने बनाई है ये योजना
नक्सलवाद से प्रभावित राज्य झारखंड के गांवों में दोबारा कोई बच्चा नक्सली बन हिंसा के रास्ते पर न जाए, इसके लिए पुलिस ने एक पहल की है। इस पहल की शुरुआत प्रदेश के पूर्वी सिंहभूम जिले के झुंझका से की गई।
आत्मनिर्भर होतीं नक्सल प्रभावित इलाकों की महिलाएं, पढ़िए इनके सशक्त होने की कहानी…
सखी मंडल से जुड़ने के बाद इन महिलाओं में न केवल निर्भीकता आई है, बल्कि समूह को ये अपनी ताकत भी समझती हैं।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा का जिम्मा अब होगा आरपीएफ के हाथ
नक्सल प्रभावित इलाकों की समस्याओं से लोहा लेने के लिए आरपीएफ (RPF) अब कमांडोज तैयार कर रही है।
नक्सल प्रभावित सुकमा के इन गांवों में 13 साल बाद खुले स्कूल, दहशत के आगे जीत है
13 साल से इस इलाके में स्कूल बंद पड़े थे। नक्सलियों ने भारी तबाही मचाई थी। अब सूरत बदलने लगी है। पढ़ने के लिए बच्चों को दूसरी जगह नहीं जाना होगा।
छत्तीसगढ़: नक्सली इलाकों में बिछेगा सड़कों का जाल, सरकार ने बनाया बड़ा प्लान
बस्तर संभाग के सात जिलों में बनेंगी 504 किलोमीटर लंबी सड़कें
बस्तर में दौड़ेगी ट्रेन, पहली बार कमांडो करेंगे रेल परियोजना की निगरानी
रेलवे की इस अहम योजना के पहले चरण में दल्लीराजहरा से रावघाट के बीच दक्षिण की ओर 95 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जा रही है। प्रस्तावित नई रेल लाइन बैलाडीला और रावघाट माइंस को भिलाई से जोड़ेगी।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के लिए खुशखबरी, इस योजना से मिलेगा रोजगार
छत्तीसगढ़ के बस्तर सहित अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार ने एक नई पहल की है।
नक्सल प्रभावित इलाके में बंजर जमीन पर लहलहा रहे हरे-भरे खेत
खेत के मेड़ पर आधा दर्जन आम के पेड़ लगे हैं, जो उन्नत किस्म के हैं। सभी पेड़ों में फल भी लग चुका है। संतू की खेती कि एक विशेषता और भी है कि मक्का की खेती हो या सब्जियों की खेती, वह रासायनिक खाद का उपयोग कभी नहीं करते हैं।
नक्सली देखते रह गए और लक्ष्मण ने खींच दी लकीर, अब डॉक्टर बन करेगा समाज की सेवा
माता-पिता ने उसे दंतेवाड़ा के सरकारी आवासीय विद्यालय में लक्ष्मण का दाखिला करवा दिया। इसके बाद लक्ष्मण ने यहीं रह कर पढ़ाई की। बारहवीं पास के करने के बाद उसने नीट की परीक्षा दी। लक्ष्मण ने बताया कि उसके माता-पिता ने उसे गांव आने से मना करते थे।
नक्सल प्रभावित इलाके के इन बच्चों की जिंदगी में दस्तक दे रहा नया सवेरा
साल 2019 में जवाहर नवोदय विद्यालय, जमशेदपुर में कक्षा छह में नामांकन के लिए चयनित होनेवाले 80 छात्रों में से 11 छात्र पटमदा, बोड़ाम, कमलपुर, जादूगोड़ा व एमजीएम जैसे नक्सल प्रभावित गांवों के हैं।
′सौभाग्य′ ने बदली नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की किस्मत, आदिवासियों की जिंदगी में उजाला
सरकार और प्रशासन की निरंतर कोशिशों के बाद आज नक्सल प्रभावित इलाकों की सूरत बदल गई है।
2 पहियों वाली एंबुलेंस, नक्सल प्रभावित इलाकों में यूं बचाती है लोगों की जान
लोगों की जान बचाने के लिए अक्सर अपनी जान जाोखिम में डालना पड़ता है। रास्ते में नक्सलियों का ख़तरा भी रहता है। पर, सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते ये सेवा लगातार जारी है।