विकास का पहिया

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कृषि के क्षेत्र में भी लगातार विकास हो रहा है। राज्य में प्राकृतिक खेती की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हो सकती है। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने कृषि विभाग और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को ऐसा करने का सुझाव दिया है।

कोरोना काल में लॉकडाउन (Corona Lockdown) के दौरान देश भर में सबकुछ बंद था। लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोयला और लौह अयस्क की खदानों को बंद नहीं किया गया था।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) अरनुपर थाना क्षेत्र के कोंडेरास गांव के रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सली (Surrendered Naxals) अब सकारात्मक और विकास का कार्य करना चाहते हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) द्वारा बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में बेहतर शिक्षा दिलाने, उनकी प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के काबिल बनाने के लिए अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं।

Naxalites News: रविवार को प्रखंड के भलुआही गांव स्थित प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया है। इसे सीआरपीएफ कैंप में आयोजित किया गया था।

Chhattisgarh Foundation Day: जिन जंगलों में कभी नक्सलियों का कब्जा था, आज वहां सरकार की विकास योजनाओं के माध्यम से सड़कें बन गई हैं।

इस पहाड़ पर सालों से एनसीसी और स्काउट गाइड से जुड़े छात्र ट्रेकिंग पर जाते रहे हैं। इसलिए इसे ट्रेकिंग के लिहाज से भी विकसित करने की योजना बनाई गई है। भविष्य में यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स भी विकसित हो सकेगा।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लगातार विकास की इबारत लिखी जा रही हा। नक्सल ग्रस्त होने की वजह से यहां विकास में बड़ी बाधाएं हैं। इसके बावजूद सरकार और प्रशासन राज्य के विकास और यहां की जनता की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

Chhattisgarh: राज्य में चलाए जा रहे नरवा कार्यक्रम को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। इस कार्यक्रम को नेशनल लेवल पर सम्मानित किया जाएगा।

बस्तर (Bastar) को लोग वैसे तो छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लाल आतंक के गढ़ के तौर पर जानते हैं। लेकिन इस इलाके की संस्कृति कितनी समृद्ध रही है, ये बात शायद बहुत कम लोग ही जानते हैं। यहां कि आदिवासी संस्कृति की पहचान देश ही नहीं विदेशों में भी है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) चंदौली जिले में अब विकास की बयार बहने लगी है। सरकार और प्रशासन की कोशिशों की बदौलत अब जिले का नक्सल प्रभावित नौगढ़ क्षेत्र इंडस्ट्रियल हब बनेगा।

दंतेवाड़ा एसपी पल्लव के अनुसार, सरेंडर करने वाले 32 नक्सलियों (Naxali) में से 19 बकेली गांव के रहने वाले हैं। जबकि चार कोरकोट्टी और उदेनार, टुमारीगुंडा और मतासी गांव के तीन-तीन नक्सली हैं।

राज्य में विकास के लिए उद्योगों को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। उद्योगों के विकास के बिना राज्य के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) नक्सलवाद की समस्या से ग्रस्त होने के बावजूद विकास की इबारत लिख रहा है। सरकार और प्रशासन लाल आतंक की समस्या से जूझते हुए प्रदेश के विकास को गति देने में लगे हुए हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल गढ़ बस्तर (Bastar) में विकास की रफ्तार तेज हो रही है। धुर नक्सल प्रभावित इस संभाग में पांच बड़े स्टील प्लांट खोले जाएंगे। दंतेवाड़ा के सरपंच संघ की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने इसकी मंजूरी दे दी है।

नक्सलवाद (Naxalism) से जूझते हुए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) लगातार हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। अब शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

Jharkhand: सोना सोबरन धोती साड़ी योजना के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे झारखंड के 57.1 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।

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