भारत के महान वायलिन वादक हैं एम.एस. गोपालकृष्णन, इनके लिये तो पूरा विश्व ही एक मंच है और आकाश अनंत
एम.एस.जी. (M S Gopalakrishnan) चाहे कर्नाटक संगीत के रसिकों के लिए श्री त्यागराज की 'कृति' बजाएं या हिंदुस्तानी संगीत-प्रेमियों के लिए मस्तीखानी गत बजाएं, वे और उनके सुनने वाले लोग आपस में इस कदर एक हो जाते हैं कि पूरा माहौल संगीतमय बन जाता है। यही गोपालकृधान की लोकप्रियता का मुख्य कारण है।
पुण्यतिथि विशेष: हिंदी सिनेमा के उम्दा फिल्मकारों में से एक थे राज खोसला, गायक बनने की चाह ने बना दिया निर्देशक
वर्ष 1954 में राज खोसला को स्वतंत्र निर्देशक के को निर्देशित करने का मौका मिला। देवानंद और गीताबाली अभिनीत फिल्म 'मिलाप' की सफलता के बाद बतौर निर्देशक राज खोसलाफिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए। वर्ष 1956 में राज खोसला (Raj Khosla) ने 'सी.आई.डी.' फिल्म निर्देशित की।
डिंपल कपाड़िया: 16 साल की उम्र में 15 साल बड़े ‘काका’ से की शादी
वर्ष 1984 में प्रदर्शित फिल्म ‘जख्मी शेर’ से डिंपल (Dimple Kapadia) ने फिल्म इंडस्ट्री में कमबैक किया लेकिन यह फिल्म सफल नहीं रही। वर्ष 1985 में डिंपल कपाडिया को एकबार फिर से ऋषि कपूर के साथ ‘सागर’ में काम करने का अवसर मिला। रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में डिंपल ने अपनी बोल्ड इमेज से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सुनील दत्त विशेष: सिनेमा जगत में अपने बेजोड़ अभिनय का लोहा मनवाया और राजनीतिक जीवन को एक आदर्श बनाया
एक बस कण्डक्टर से लेकर एक एक्टर बनने और फिर एक सामाजिक कार्यकर्ता से भारत सरकार में मंत्री तक का सफर तय करने वाले सुनील दत्त (Sunil Dutt) की जीवन यात्रा एक मिसाल है।
नवाजुद्दीन की भतीजी ने लगाया अपने ही चाचा पर यौन शोषण का आरोप, नवाज की पत्नी ने कहा, ‘अभी बहुत राज खुलने बाकी हैं’
ये घटना उस समय की है, जब मैं नौ साल की थी। मुझे बहुत परेशान किया गया। बचपन के उस दौर में मेरे लिए कुछ भी समझ पाना मुमकिन नहीं था। लेकिन जब मैं बड़ी हुई, तो मुझे एहसास हुआ कि मेरे चाचा ने मेरे साथ कुछ गलत किया था।
नूतन ने अपने स्वीमिंग कॉस्टयूम से लिखी बोल्डनेस की नई परिभाषा, संजीदा किरदारों ने उन्हें अमर बना दिया
चेहरे पर सादगी, आखों में चमक, अभिनय में सम्मोहन, अदाओं की मल्लिका ये सारी खूबियां बीते जमाने की मशहूर अदाकार नूतन (Nutan) की हैं। जिन्होंने अपने अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों पर करीब 40 सालों तक राज किया।
Raj Kapoor Death Anniversary: बॉलीवुड के ‘द ग्रेटेस्ट शोमैन ऑफ इंडियन सिनेमा’ थे राज कपूर
राजकपूर (Raj Kapoor) आखिरी बार लोगों के बीच तब आए जब उन्हें उनकी ताउम्र कामयाबी के लिए 'दादा साहेब फालके अवार्ड' से सम्मानित किया गया। राज कपूर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से सीधे सिरी फोर्ट आडिटोरियम लाया गया था और राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन मंच से उतरकर राज कपूर का हाथ पकड़कर उन्हें मंच पर ले गए ।
हिंदी सिनेमा का एक और सितारा आज ग़ुरूब हो गया, साजिद-वाजिद की हिट जोड़ी टूट गई
किडनी की समस्या से ग्रस्त वाजिद खान (Wajid Khan) का मुम्बई के सुराणा सेठिया अस्पताल में निधन हो गया। कुछ महीने पहले ही उनकी किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी। उनके कोविड-19 का शिकार होने की भी अटकलें लगाई गई थीं।
नरगिस जन्मदिन विशेष: महज 5 साल की उम्र से की अभिनय की शुरुआत, हिंदी सिनेमा की ‘प्रथम महिला’ के तौर पर मिली पहचान
नरगिस (Nargis) को 1950 के दशक में शुरू हुए भारतीय 'सिनेमा के स्वर्णयुग' से जोड़कर देखा जाता है। कॉन्वेंट स्कूल में पढ़नेवाली इस लड़की ने बचपन में डॉक्टर बनने की ख्वाहिश पाली थी, लेकिन उसने पांच साल की उम्र में 'तलाश-ए-हक' के लिए कैमरे का सामना किया।
आधुनिक संगीत के जनक रह चुके हैं आजादी के नायक, बम बनाने के आरोप में जा चुके हैं जेल
फिल्म-जगत में अनिल विश्वास (Anil Vishwas) की अंतिम फिल्म मोतीलाल द्वारा निर्मित और निर्देशित 'छोटी-छोटी बातें' (1965) रही। फिल्म मोतीलाल के सहज अभिनय के कारण भी यादगार बन गई है, इस फिल्म के तुरंत बाद मोतीलाल के निधन के कारण भी, और अनिल विश्वास के बेहतरीन संगीत के कारण भी।
राज खोसला जन्मदिन विशेष: हिंदी सिनेमा के बेहतरीन निर्देशकों में से एक, सिंगर बनने की ख्वाहिश रह गई अधूरी
वर्ष 1954 में राज खोसला को स्वतंत्र निर्देशक के को निर्देशित करने का मौका मिला। देवानंद और गीताबाली अभिनीत फिल्म 'मिलाप' की सफलता के बाद बतौर निर्देशक राज खोसलाफिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए। वर्ष 1956 में राज खोसला (Raj Khosla) ने 'सी.आई.डी.' फिल्म निर्देशित की।
हिंदी सिनेमा और रंगमंच की दुनिया के इतिहास पुरुष हैं पृथ्वीराज कपूर
साल 1965 में प्रदर्शित फिल्म ‘आसमान महल’ में पृथ्वीराज ने अपने सिने कैरियर की एक और ना भूलने वाली भूमिका निभाई। इसके बाद साल 1968 में प्रदर्शित फिल्म तीन “बहू रानियां” में पृथ्वीराज ने परिवार के मुखिया की भूमिका निभाई जो अपनी बहू रानियों को सच्चाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
सुनील दत्त पुण्यतिथि विशेष: बॉलीवुड में एंटी हीरो के तौर पर बनाई पहचान, राजनीति में हासिल किया शीर्ष मुकाम
एक बस कण्डक्टर से लेकर एक एक्टर बनने और फिर एक सामाजिक कार्यकर्ता से भारत सरकार में मंत्री तक का सफर तय करने वाले सुनील दत्त (Sunil Dutt) की जीवन यात्रा एक मिसाल है।
हैप्पी बर्थडे माधुरी दीक्षित: अपने दमदार अभिनय के दम पर श्रीदेवी से छीन लिया था नंबर-1 का ताज
माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) को कई बार 'फिल्म फेयर अवार्ड्स' एवं अन्य अवार्ड्स से नवाजा गया। उन्हें फिल्म 'दिल' (1990), 'बेटा' (1992), 'हम आपके हैं कौन' (1994), 'दिल तो पागल है' (1997) के लिए 'सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड' तथा फिल्म देवदास के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का स्टार स्क्रीन अवार्ड (2002) मिला।
मृणाल सेन जन्मदिन विशेष: फिल्मों के माध्यम से समाज की रूढ़िवादी सोच पर गंभीर सवाल उठाने में महारथी
इसके उपरांत उन्होंने (Mrinal Sen) जो भी फिल्में बनाईं, वह राजनीति से प्रेरित थी, जिसके कारण वह मार्क्सवादी कलाकार के रूप में जाने गए। वह समय पूरे भारत में राजनीतिक उतार-चढाव का समय था। विशेषकर कलकत्ता और उसके आस-पास के क्षेत्र इससे ज्यादा प्रभावित थे, जिसने नक्सलवादी विचारधारा को जन्म दिया|
‘सीता’ का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका चिखलिया को बचपन से ही मिलने लगे थे एक्टिंग के ऑफर्स
भारत के टेलीविजन इतिहास में सबसे लोकप्रिय सीरियल रामायण में सीता का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका चिखलिया (Dipika Chikhlia) का आज जन्मदिन है।
Death Anniversary: जब नरगिस को देख सुनील दत्त की बोलती बंद हो गई थी…
कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुनील दत्त की नौकरी एक एड एजेंसी में लगी। यहीं से उन्होंने रेडियो सीलोन में रेडियो जॉकी बनने का रास्ता पकड़ा। रेडियो जॉकी के रूप में वो काफी पसंद किए गए।