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जीड़ाबागु नाले के पास पुलिस टीम पर फायरिंग और ब्लास्ट में इन्ही चारों नक्सलियों का हाथ था। इस हमले में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट तिर्की शहीद हो गये थे।

पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि जिले के कामडारा थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले टुरूंडू गांव में प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई का एक कुख्यात नक्सली अपने गांव टुरूंडू सरनाटोली से बाहर देखा गया है।

दो दिन पहले भी कांकेर जिले में ही आधा दर्जन नक्सलियों (Naxalites) ने गुमझीर गांव में लगे मेले के दौरान एक नगर सेना के जवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसकी भी जांच बड़े पैमाने पर चल रही है।  

अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार फौसी के मुताबिक, उन्हें मामलों में बढ़ोतरी की उम्मीद की है लेकिन यह जरूरी नहीं है कि दूसरे वैरिएंट की तरह ही इसकी वजह से बड़े पैमाने पर मामलों में उछाल आये।

आधा दर्जन नक्सलियों (Naxalites) का एक दस्ता मुर्गा बाजार पहुंचा और देसी कट्टे से जवान की गोली मार कर हत्या कर दी।घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए।

आत्मसमर्पण करने वाले इन सभी नक्सलियों के खिलाफ पुलिस टीम पर हमले, सड़क छतिग्रस्त, ग्रामीणों की हत्या व लेवी वसूलने जैसे कई मामले दर्ज हैं

चीन निर्मित इस ड्रोन (Drone) को 19 मार्च को सुबह करीब छह बजे जिले के पूरबपाड़ा में किसान पंकज सरकार ने अपने खेत में पाया। यह खेत अंतर्राष्ट्रीय सीमा से करीब 300 मीटर दूर है।

गिरफ्तार आतंकी मददगारों (Terror Associates) की पहचान जावेद अहमद डार, सज्जाद अहमद डार निवासी काकापोरा, अर्शीद अहमद मीर व रमीज राजा निवासी परिगाम, राउफ अहमद लोन निवासी लेल्हार और आकिब मकबूल भट निवासी अलूचीबाग के तौर पर हुई है।

17 मार्च को हथियारबंद नक्सलियों (Naxalites) का एक समूह यालम के घर पहुंचा और उसे बाहर ले जाकर धारदार हथियार से काटकर उसकी हत्या कर दी।

नक्सली दीपक तीन हत्याओं, आठ मुठभेड़ों और आगजनी की दो घटनाओं में शामिल था। उसने घात लगाकर छह हमले भी किए थे, जिनमें छत्तीसगढ़ के तमाम इलाकों में 31 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी।

आईजीपी विजय कुमार के मुताबिक, मारे गये आतंकियों में खोनमोह इलाके में नौ मार्च को एक सरपंच समीर भट की हत्या में शामिल आतंकी भी शामिल हैं।

मुठभेड़ के दौरान फरार हुये दो आतंकियों (Terrorists) की तलाश के लिए पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। ये इलाका घनी आबादी और नेशनल हाइवे से सटा है,  इसलिए थोड़ी परेशानी हो रही है।  

मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की छानबीन के दौरान सुरक्षाबलों ने दो महिला नक्सलियों (Women Naxalites) के शव को बरामद किया, जिनकी पहचान पेदरास एलोएस कमांडर मंजुला और गंगी पुनेम के रूप में हुई।

दो साल पहले आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली इन दोनों के अधीन कार्यरत थे। उन पूर्व नक्सलियों के जरिये ही पुलिस ने इन दोनों कुख्यात नक्सलियों (Naxalites) से संवाद स्थापित किया और इन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए बाध्य किया। 

सोनपुर और ढोंडरीबेड़ा गांवों के बीच नक्सलियों के लगाए गए प्रेशर बम की चपेट में आने से आईटीबीपी के सहायक उप निरीक्षक राजेंद्र सिंह शहीद हो गए और हवलदार महेश घायल हो गए।

सुरक्षाबलों की टीम केरलापाल के चिचोरगुड़ा के जंगली इलाके में छानबीन कर रही थी तभी घात लगाये बैठे नक्सलियों ने उनपर फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई मुठभेड़ में बदल गई।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) जवान की हत्या का आदेश लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर आबिद रमजान शेख ने दिया था। फिलहाल पुलिस इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अपनी आगे की कार्रवाई कर रही है। 

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