सुर्खियां

Today History: डॉ. मुत्तू लक्ष्मी (Muthulakshmi Reddy) महिला संगठनों से जीवनपर्यंत जुड़ी रहीं। एनीबेसेंट की मृत्यु के बाद 'भारतीय महिला संगठन' की अध्यक्ष वही बनीं।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के किश्तवाड़ जिले में आतंकियों (Terrorists) ने लड़कियों को लेकर नया फरमान जारी किया है। आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) की ओर से ये पोस्टर लगाए गए हैं।

इससे पहले कई बदलाव किए जा चुके हैं, लेकिन उनसे शिक्षा व्यवस्था में कोई बड़ा अंतर नहीं आया।

सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखकर तीनों राज्यों को अलर्ट किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक आईएसआई आतंकवादियों के 5 अलग-अलग समूहों को भारत भेजा सकता है।

जम्मू कश्मीर पुलिस इन युवकों से पूछताछ कर रही है। तीनों युवकों के पास से आपत्तिजनक सामग्रियां भी बरामद हुई हैं।

भारत आ रहे राफेल विमानों (Rafale Fighter Jets) के संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) स्थित अल धाफ्रा एयर बेस (Al Dhafra Air Base) पर पहुंचने के बाद ईरान ने इस एयर बेस के पास मिसाइलें दागी हैं।

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की ताकत और बढ़ जाएगी, क्योंकि 5 राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Jets) आज भारत पहुंच रहे हैं।

राफेल ने पहले भी कई अन्य देशों में सफल ऑपरेशन कर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया है। यह रडार को चकमा देकर सटीक निशाने पर हमला करने में सफल रहा है।

चीन के साथ जारी तनाव के बीच राफेल विमान (Rafale Fighter Jets) भारत पहुंच चुके हैं। भारत और फ्रांस के बीच हुए सौदे के तहत 5 राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे।

चार्ल्स (Prince Charles) से अलगाव के बाद जब डायना (Diana) ने प्रेस के सामने अपना घरेलू रोना रोया, तब आम आदमी की रुचि इसमें और बढ़ी। ब्रिटेन के टेब्लॉइडों की बाकी दुनिया में धूम मची, खोजी पत्रकारों की संख्या में वृद्धि हुई।

करीब 13 साल तक संस्कृत कॉलेज से अध्यापन कार्य करने के बाद 1841 में वह कोलकाता के फोर्ट विलियम्स कॉलेज में पढ़ाने लगे थे।

Today History: ईश्वरचंद्र विद्यासागर (Ishwar Chandra Vidyasagar) का जन्म बंगाल के वीरसिंह गांव में 26 सितंबर 1820 क एक गरीब ब्राह्मण के घर हुआ था। ईश्वर के पिता का नाम ठाकुरदास बंदोपाध्याय और माता का नाम भगवती देवी था। इनके बचपन का नाम ईश्वरचंद्र बंदोपाध्याय था।

नक्सली (Naxalites) आज से अपना शहीदी सप्ताह मना रहे है। बता दें कि इस दौरान नक्सली, पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों को याद करते हैं। साथ ही नक्सलियों का इस फिराक में रहते हैं कि इस दौरान वे किसी बड़ी घटना को अंजाम दें।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट जिले में नक्सलियों (Naxals) के शहीदी सप्ताह को देखते हुए सभी नक्सल प्रभावित थानों और चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है। बता दें कि हर साल जुलाई के अंत में नक्सली शहीदी सप्ताह मानते हैं। इस दौरान उनकी सक्रियता बढ़ जाती है।

1914, इतिहास का वह समय था, जब पहली बार भारतीयों ने कलाई घड़ी देखी थी, फ्रिज देखा था, खाइयों और कीचड़ की लड़ाई, टैंक, मशीन गन और बेइंतहा ठंड, ये सब उनके लिए बेहद नया अनुभव था।

इस दौरान उनका पैर फिसला और वह तेज बहाव वाले नाले में बह गए। सरकार ने उनके परिवार को सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही है।

'लाल आतंक' के नाम से कुख्यात नक्सली (Naxals) इस वक्त शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। इस बीच ऐसी आशंका जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ के उन इलाकों जहां नक्सलियों (Naxalites) की पैठ खत्म हो चुकी है वहां ये नक्सली दोबारा पैठ बनाने की कोशिश कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें