सच के सिपाही

झारखंड के रांची में 4 अक्टूबर को हुए नक्सली हमले में पलामू के कुंदरी गांव के जवान अखिलेश राम शहीद हो गए।

Tribute to Martyr Captain Arun Jasrotiya: जम्मू- कश्मीर पाकिस्तान संचालित आतंकवादी गतिविधियों का मुंह तोड़ जवाब देते हुई भारत के...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में पदस्थ डीएसपी दिनेश्वरी नंद एक ऐसी बेटी है, जिस इलाके में उनके पिता किस्मत लाल नंद ने टीआइ की नौकरी कर चुके हैं, उसी दंतेवाड़ा में बेटी अब अफसर बनकर कानून-व्यवस्था के साथ-साथ नक्सल मोर्चे पर ऑपरेशन संभाल रही हैं।

अशोक चक्र से सम्मानित लांस नायक नजीर अहमद वानी के लिए अपने देश से बड़ा कुछ नहीं था। यह बात हम सभी जानते हैं कि किस तरह उस वीर ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।

साल 1962 में भारत लड़ाई में चीन से पराजित हो गया था। जिसके बाद देश की खुफिया एजेंसी रॉ ने सरकार के सामने एक गुप्त सैन्य बल के गठन का प्रस्ताव रखा। जिसे सरकार ने स्वीकार कर इस खुफिया फोर्स यानी स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) का गठन किया।

कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो जिंदगी बदल देती हैं। 3 फरवरी, 1967 के दिन अमृतसर के मदन मोहन चौधरी पर हुए पुलिस के जुल्म को देख उनकी दो बेटियों ने प्रण लिया कि वे पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाकर ही रहेंगी।

सिंह को इस दौरान आतंकियों की ओर से दागी गईं गोलियां और ग्रेनेड के छर्रे भी लगे। पर, वह आतंकियों के सामने मजबूती से डटे रहे और उन्हें मार गिराने तक पीछे नहीं हटे थे।

यह हमला अरनपुर इलाके में हुआ था। इस नक्सली हमले में दो पुलिसकर्मी और दूरदर्शन के एक कैमरापर्सन की मौत हो गई थी।  इसी हमले में राकेश कौशल भी शहीद हो गए थे।

Independence Day 2019: पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम देने वाले वायुसेना के 5 जांबाज पायलटों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वायुसेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा।

Independence Day (Swatantrata Diwas) 2019: परम वीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र से युद्ध काल में सर्वोच्च बलिदान के लिए नवाजा जाता है जबकि अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र शांति काल में सर्वोच्च सेवा और बलिदान के लिए दिया जाता है।

जीतेंद्र कुमार हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गए। कुमार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के दुभा गांव के रहने वाले थे। वे 31 साल के थे। उन्होंने 2011 में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था।

धर्म सिंह तोमर का जन्म 1974 में हुआ था। पांच-बहनों में वे सबसे बड़े थे। वे 1996 को सेना में भर्ती हुए। कारगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के बाद वह ग्रेनेडियर्स में शामिल हुए और मिसाइल पॉयलट बन गए थे।

मुठभेड़ के दौरान आतंकियों की एक गोली यूपी के मथुरा जिले के रहने वाले रामवीर सिंह को आकर लगी और वो शहीद हो गए। कहा जा रहा है कि इस गोलीबारी में रामवीर सिंह ने भी कई आतंकियों को अपनी गोली का शिकार बनाया।

देश में चाहे चुनाव का माहौल हो, कानून व्यवस्था पर आंच आई हो, किसी तरह की आपातकालीन स्थिति हो, नक्सलियों से निपटना हो या फिर सीमा पर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो...CRPF ने हमेशा ही अपने अदम्य साहस के दम पर देश का सीना फख्र से चौड़ा कर दिया है।

सौरभ कालिया की उम्र उस वक्त 23 साल थी और अर्जुन राम की महज 18 साल। कैप्टन सौरभ कालिया सेना में नियुक्ति के बाद अपनी पहले महीने की सैलरी भी नहीं उठा पाए थे।

Kargil Vijay Diwas 2019: आज कारगिल युद्ध की बीसवीं बरसी है इस दिन को पूरे देश में कारगिल विजय दिवस के रूप में बड़े ही गर्व के साथ मनाया जाता है। भारत ने 1999 में करगिल युद्ध के दौरान 26 जुलाई को जीत हासिल की थी। भारत और पाकिस्तान के बीच ये युद्ध 60 दिन तक चला था ।

करगिल विजय दिवस: मेहर सिंह के मुताबिक, हमारे वीर जवानों ने पत्थरों की आड़ में सारी रात गुजारी। उनकी ए और बी कंपनी अपने टास्क को पूरा कर आगे बढ़ चली तो कमांडिंग ऑफिसर ले. कर्नल योगेश कुमार जोशी ने उनके कंपनी कमांडर कैप्टन विक्रम बत्रा को प्वाइंट 5140 पर कब्जा करने का निर्देश दिया।

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