सच के सिपाही

1950 से लेकर अब तक भारतीय सेना के जवानों ने संयुक्त राष्ट्र के कुल 71 शांति मिशन में हिस्सा लिया है। अब तक 10 लाख से ज्यादा भारतीय जवान संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में अपने फर्ज को अंजाम दे चुके हैं।

सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवानों ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। एक पूर्व नक्सली की मदद कर सुरक्षा बल के जवानों ने दुर्दांत नक्सलियों को समाज का आईना दिखा दिया है।

रक्षा सचिव हरीश सरीन को सैम नालेक शॉ से मांगनी पड़ी माफी

बस्तर में 14 मार्च को नक्सली मुठभेड़ (Bastar Naxal Encounter) हुआ था। इस मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के दो जवान शहीद हो गए थे।

छत्तीसगढ़ में 17 शहीद जवानों के परिजन गमजदा हैं। शहीद जवानों की लिस्ट में मिनपा इलाके के तोंगपाल थाना क्षेत्र के लेदा पंचायत के चिड़पाल के रहने वाले जवान लिबरु राम का भी नाम है।

सुकमा नक्सली हमले (Sukma Naxal Attack) में बालोद जिले के एसटीएफ (STF) जवान नारद निषाद शहीद हो गए थे। जवान की शहादत की खबर लेकर 22 मार्च शाम जब एसडीओपी अमर सिदार गांव पहुंचे तो पूरे गांव में मातम पसर गया।

छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले (Chhattisgarh Naxal Attack) में नरहरपुर थाना ग्राम पंचायत डंवरखार के रहने वाले जवान हेमंत पोया भी शहीद हो गए।

छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली मुठभेड़ (Sukma Naxal Attack) में शहीद जवान हेमंतदास मानिकपुरी का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव बड़ेबेंदरी पहुंचा लोगों, माहौल गमगीन हो गया।

सुकमा नक्सली हमले में शहीद 17 जवानों में रायगढ़ जिले के भूपदेवपुर थाना क्षेत्र के सिंघनापुर गांव का बेटा गीता राम राठिया भी शामिल है।

नक्सली हमले (Naxal Attack) में अपने बेटे के शहीद होने की खबर सुनकर यह मां फूट-फूटकर नहीं रोई, बल्कि दूसरे बेटे को भी फोर्स में भेजने की बात कही।

खुद को देशभक्ति के जज्बे से भरने के लिए उनका नाम ही काफी है। अंग्रेजों के बढ़ते हुए अत्याचार से सबसे पहले भगत सिंह ने लौहार में सांडर्स की गोली मार कर हत्या कर दी।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गमपुर के जंगलों में 19 मार्च को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ (Naxal Encounter) हुई। इस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया।

कोरोना वायरस COVID-19 संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) ने 19 मार्च को अपनी वर्षगांठ पर होनेवाले सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।

भारतीय सेना के पास अब एक ऐसा बम होगा जो आसमान में 15 किलोमीटर तक जाएगा और फिर निर्देश मिलते ही दुश्मनों का काम तमाम कर देगा।

समुद्र के भीतर दुश्मनों के नापाक इरादे को नाकाम करने के लिए भी जल सेना पूरी तरह सक्षम है। इसके लिए नेवी के पास एक से बढ़ कर एक ताकतवर पनडुब्बी हैं। इन्हीं में से एक है समुद्र में दुश्मनों के होश ठिकाने लगाने वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी आईएनएस 'करंज' (INS 'Karanj')।

भारतीय सेना (Indian Army) को एक ऐसा बम मिलने वाला है जो दुश्मन के इलाके में मंडराता रहेगा और उसे इसकी भनक तक नहीं लगेगी। हमारे जवानों को दुश्मनों पर हमला करने के लिए सरहद पार करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

हजारीबाग के नक्सल प्रभावित इलाके में नक्सली, एक महिला के सिर्फ नाम से ही थर्राते हैं। यह महिला इन इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ बेधड़क लोहा लेती हैं और उन्होंने इनका जीना दुश्वार कर रखा है।

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