सच के सिपाही

भारतीय सेना के परमवीर कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) की शहादत हमेशा लोगों के जेहन में रहेगी। कारगिल के युद्ध में अपने साथी की जान बचाकर वे खुद शहीद हो गए थे।

भारत-चीन बार्डर (India China Border) पर पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में मानसा के गांव बीरेवाला डोगरा के सैनिक गुरतेज सिंह हो गए।

शहादत से पहले मनदीप दिलेरी से दुश्मन सेना से लड़ रहे थे। बहादुरी का यह किस्सा बयां करते मनदीप सिंह के भाई निर्मल का सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है। उन्होंने बताया कि मनदीप (Martyr Mandeep Singh) किसी के रोके नहीं रुक रहा था।

पंजाब रेजिमेंट के जवान गुरबिंदर सिंह (Martyr Gurbinder Singh) थोड़े दिन पहले ही पहली बार लद्दाख में तैनात हुए थे। अभी आठ महीने पहले ही उनकी मंगनी हुई थी और घर में शादी की तैयारियां चल रही थी।

लद्दाख (Ladakh) में गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत-चीन सीमा पर चीनी सैनिकों से झड़प में पंजाब के सतनाम सिंह शहीद हो गए। गुरदासपुर के कलानौर के भाजराज में जब शहीद सतनाम सिंह (Martyr Satnam Singh) का पार्थिव शरीर पहुंचा तो लोगों ने फूलों की बारिश की और शहीद सतनाम अमर रहें के घोष से आसमान गूंज उठा।

लद्दाख की गलवान घाटी में अदम्य साहस दिखाने वाली बिहार रेजिमेंट को सेना (Indian Army) की उत्तरी कमान ने खास अंदाज में सलाम किया है। उत्तरी कमान ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें बिहार रेजिमेंट के जवानों के 21 साल पहले कारगिल युद्ध में किए गए योगदान को सैल्यूट किया।

देश की रक्षा करते हुए मध्य प्रदेश के रीवा जिले का भी एक लाल शहीद हो गया। जिले के मनगवां थाना के फरेहदा गांव के दीपक सिंह लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून की रात चीनी सैनिकों से लड़ाई लड़ते हुए शहीद हो गए। लोग सुबह से ही शहीद दीपक सिंह (Martyr Deepak Singh) के घर में पहुंचने लगे। जहां अपने इस लाल के खोने का उन्हें गम था, वहीं इस बात को लेकर गर्व है कि विंध्य के लाल ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

मनोज पांडेय बतौर कमीशंड ऑफिसर गोरखा राइफल्स की पहली बटालियन में भर्ती हुए। उनकी तैनाती कश्मीर घाटी में हुई। कारगिल युद्ध (Kargil War) से पहले उन्हें सियाचिन भेजा गया था। मनोज पांडेय (Manoj Kumar Pandey) और उनकी बटालियन के पास विकल्प था कि वे अवकाश ले सकते थे, लेकिन इस परमवीर ने अवकाश लेने से मना कर दिया।

15 जून की रात चीनी सैनिकों की झड़प में बिहार के वैशाली जिले का लाल भी शहीद हो गया। 17 जून को जिले के जंदाहा थाना क्षेत्र के चकफतेह गांव के 22 साल के जांबाज बेटे सिपाही जय किशोर सिंह (Martyr Jai Kishor Singh) की शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।

बिहार के सहरसा जिले के जवान कुंदन कुमार भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक झड़प में शहीद हो गए। वे जिले के सत्तरकटैया प्रखंड के बिहरा थाना क्षेत्र के आरन गांव के रहने वाले थे। शहीद कुंदन कुमार (Martyr Kundan Kumar) बिहार रेजिडेंट आर्मी जीडी के जवान थे।

लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार की रात भारत व चीनी सेना के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इसमें पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले राजेश ओरांग भी शहीद हो गए। राजेश (Martyr Rajesh Orang) बीरभूम जिले के मोहम्मदबाजार पुलिस थाने के बेलगोरिया गांव के रहने वाले थे।

भारत-चीन सीमा पर हुई हंसक झड़प में बिहार के जवान चंदन कुमार शहीद हो गए। शहीद चंदन कुमार (Martyr Chandan Kumar) बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड की कौरा पंचायत के ज्ञानपुरा गांव के रहने वाले थे।

लद्दाख (Ladakh) के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों और हिन्दुस्तानी जवानों के बीच हुई हिंसक संघर्ष में बिहटा के लाल सुनील कुमार शहीद हो गए। शहीद सुनील कुमार (Martyr Sunil Kumar) का सुबह सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके 10 साल के बेटे आयुष ने मुखाग्नि दी।

भारत-चीन सीमा पर शहीद जवानों में झारखंड के जवान गणेश हांसदा भी वीरगति को प्राप्त हुए हैं। शहादत की खबर से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शहीद गणेश हंषदा (Martyr Ganesh Hansda) के परिजनों से मिलने और सांत्वना देने के लिए उनके घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है।

घरवालों की तरफ से कई बार उसे फोन कर बात करने की कोशिश की गयी‚ लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका और फिर अचानक से मंगलवार की दोपहर परिवारवालों को सेना की तरफ से बताया गया कि गणेश राम (Ganesh Ram) ने वीरगति पायी है।

बिहार रेजिमेंट 16 में तैनात समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड के सुल्तानपुर पूरब गांव के अमन कुमार सिंह शहीद हो गए। 16 जून की रात 9 बजे शहीद अमन (Martyr Aman Kumar Singh) के पिता सुधीर सिंह के मोबाइल पर लद्दाख से उनके बेटे के शहीद होने की जानकारी दी गई।

भारत-चीन के बीच हुई खूनी झड़प में झारखंड का जवान शहीद हो गया। विधि का विधान देखिए कि यह जवान 20 दिन पहले ही पिता बना था। अब तक वह अपने बच्चे का मुंह भी नहीं देख पाया था।

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