सच के सिपाही

Kargil War: किसी भी जंग को जीतने के लिए बेहतर क्वालिटी के हथियारों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे हथियार रूस के पास थे और उन्होंने हमें दिए।

Kargil War: इजरायल ने जरूरी हथियार और गोला बारूद भी उपलब्ध करवाए। ऐसी डिवाइस भी भेजी जिन्हें लड़ाकू जहाज में लगाकर सही टारगेट पर हमला किया जा सकता था।

Indian Army: असम राइफल्स के जवानों की पेट्रोलिंग टीम पर अटैक किया गया था। इस हमले में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीनी सेना की इस हरकत पर भारत बुरी तरह से भड़क गया था।

गांवों के युवाओं ने सेना की इस जरूरत को समझा और उन तक सामान पहुंचाया गया। बताया जाता है कि जवानों तक खाने-पीने का सामान और अन्य कुछ जरूरी सामान पहुंचाया जाता था।

दोनों देशों के बीच 1967 में सीमा विवाद के चलते टकराव हुआ था। दरअसल भारत ने नाथु ला से सेबू ला तक तार लगाकर बॉर्डर को परिभाषित किया था।

Kargil War: युद्ध के दौरान जब बमबारी होती है तो मिसाइलों के जरिए दुश्मन को टारगेट किया जाता है। ऐसे में आस-पास के इलाके भी इसकी जद्द में आ जाते हैं।

Kargil War: टाइगर हिल की लड़ाई को कारगिल की लड़ाई का टर्निंग पॉइंट भी कहा जाता है। 4 जुलाई को ही भारत की विजय निश्चित हो गई थी।

यह युद्ध (Kargil War) करीब 2 महीने तक चला था। युद्ध के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले थे। इस युद्ध की कुछ खास तारीखें जिसे आपको जरूर जानना चाहिए।

भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा पूर्व में तेजी से कब्जा किया था। सेना ने जेसोर, खुलना और तंगेल पर कब्जा किया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना को समझ आ गया था कि जीत उसके हाथ से निकल चुकी है।

सेनाओं को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी हुए थे। इंडियन एयरफोर्स ने पश्चिमी पाकिस्तान के अहम ठिकानों और हवाई अड्डों पर बम बरसाए थे।

India Pakistan First War 1948: पाकिस्तान ने भारत पर पहली बार आक्रमण आजादी के तुरंत बाद किया था। यह आक्रमण कश्मीर के लिए किया गया था।

भारत के सरेंडर के ऑफर को वह हल्के में ले रहा था। ऐसे में भारतीय सेना ने ऐसा खेल दिखाया कि पाकिस्तान को अंतत: सरेंडर के लिए टेबल पर आना पड़ा।

India Pakistan War 1965: संधि के बाद पाकिस्तान झेलम, चिनाब और सिंधु नदी का पानी इस्तेमाल कर रहा था लेकिन उसका लालच और भी ज्यादा था।

पाकिस्तान के ब्रिगेडियर ने खेत्रपाल के साथ लड़ाई की थी। इसी दौरान वह शहीद हो गए थे। यह बात पाकिस्तान के ब्रेगेडियर ने खुद अरुण के पिता ब्रिगेडियर एमएस खेत्रपाल को बताई थी। 

Kargil War 1999: वह चाहते तो लखनऊ में हो रही नियुक्ति स्वीकार कर आराम से बिना किसी खास खतरे के काम कर सकते थे लेकिन उन्होंने खतरों को स्वीकार किया।

सॉफ्टवेयर वायरस से लेकर हैकिंग तक सभी साइबर वॉर (Cyber War) के अंदर आते हैं और यह साइबर वॉर इतना विनाशकारी होता है कि यह किसी भी कंपनी या देश को पल भर में नष्ट कर सकता है।

चीन (China) विस्तारवाद की नीति अपनाता है और कई इलाकों पर आज भी अपना दावा करता है। इसके अलावा वह समुद्र में भी अपना दावा ठोकता है जबकि उसका दूर-दूर तक उस इलाके से कुछ भी लेना देना नहीं।

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